NCERT Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 1 – सुभाषितानि-अभ्यासः (textbook Questions and Answers) for CBSE Ruchira भाग 3- PDF is provided here for the perfect ncert solutions of Ruchira Bhag 3-Sanskrit Class 8 Chapter 1 – सुभाषितानि
प्रथम: पाठः
सुभाषितानि
अभ्यासः
NCERT Exercise Solutions (सुभाषितानि)
1. पाठे दत्तानां पद्यानां सस्वरवाचनं कुरुत।
उत्तरं – स्वयमेव गायत।
2. श्लोकांशेषु रिक्तस्थानानि पूरयत-
(क) समुद्रमासाद्य ……………………..।
उत्तरं – समुद्रमासाद्य भवन्त्यपेया:।
(ख) ………………….वच: मधुरसूक्तरसं सृजन्ति।
उत्तरं – श्रुत्वा वच: मधुरसूक्तरसं सृजन्ति।
(ग) तद्भागधेयं ……………………पशूनाम्।
उत्तरं – तद्भागधेयं परमं पशूनाम्।
(घ) विद्याफलं………………………कृपणस्य सौख्यम्।
उत्तरं – विद्याफलं व्यसनिनः कृपणस्य सौख्यम्।
(ङ) पौरुषं विहाय य: ………………………अवलम्बते।
उत्तरं –पौरुषं विहाय य: हि दैवमेव अवलम्बते।
(च) चिन्तनीया हि विपदाम् ……………………….प्रतिक्रियाः।
उत्तरं – चिन्तनीया हि विपदाम् आदावेव प्रतिक्रिया:।
3. प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत-
(क) व्यसनिनः किं नश्यति?
उत्तरं – विद्याफलं।
(ख) कस्य यश: नश्यति?
उत्तरं – लुब्धस्य।
(ग) मधुमक्षिका किं जनयति?
उत्तरं – माधुर्यम्।
(घ) मधुरसूक्तरसं के सृजन्ति?
उत्तरं – सन्त:।
(ङ) अर्थिन: केभ्यः विमुखा न यान्ति?
उत्तरं – महीरुहाः।
4. अधोलिखित-तद्भव-शब्दानां कृते पाठात् चित्वा संस्कृतपदानि लिखत-
यथा- कंजूस | कृपणः |
कड़वा | ……………. |
पूँछ | ……………. |
लोभी | ……………. |
मधुमक्खी | ……………. |
तिनका | ……………. |
उत्तरं –
यथा- कंजूस | कृपणः |
कड़वा | कटुकम् |
पूँछ | पुच्छ: |
लोभी | लुब्ध: |
मधुमक्खी | मधुमक्षिका |
तिनका | तृणम् |
5. अधोलिखितेषु वाक्येषु कर्तृपदं क्रियापदं च चित्वा लिखत-
वाक्यानि | कर्ता | क्रिया |
यथा – सन्त: मधुरसूक्तरसं सृजन्ति। | सन्त: | सृजन्ति |
(क) निर्गुणं प्राप्य भवन्ति दोषा:। | ………………………….. | ………………………….. |
(ख) गुणज्ञेषु गुणाः भवन्ति। | ………………………….. | ………………………….. |
(ग) मधुमक्षिका माधुर्यं जनयेत्। | ………………………….. | ………………………….. |
(घ) पिशुनस्य मैत्री यशः नाशयति। | ………………………….. | ………………………….. |
(ङ) नद्य: समुद्रमासाद्य अपेयाः भवन्ति। | ………………………….. | ………………………….. |
उत्तरं –
वाक्यानि | कर्ता | क्रिया |
यथा-सन्त: मधुरसूक्तरसं सृजन्ति। | सन्त: | सृजन्ति |
(क) निर्गुणं प्राप्य भवन्ति दोषा:। | दोषा: | भवन्ति |
(ख) गुणज्ञेषु गुणाः भवन्ति। | गुणाः | भवन्ति |
(ग) मधुमक्षिका माधुर्यं जनयेत्। | मधुमक्षिका | जनयेत् |
(घ) पिशुनस्य मैत्री यशः नाशयति। | मैत्री | नाशयति |
(ङ) नद्य: समुद्रमासाद्य अपेयाः भवन्ति। | नद्य: | भवन्ति |
6. रेखाङ्कितानि पदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-
(क) गुणाः गुणज्ञेषु गुणाः भवन्ति।
उत्तरं – के गुणज्ञेषु गुणाः भवन्ति।
(ख) नद्य: सुस्वादुतोयाः भवन्ति।
उत्तरं –का: सुस्वादुतोयाः भवन्ति।
(ग) लुब्धस्य यश: नश्यति।
उत्तरं – कस्य यश: नश्यति।
(घ) मधुमक्षिका माधुर्यमेव जनयति।
उत्तरं – का संग्रहेषु त्यक्तलज्जः सुखी भवेत्?
(ङ) तस्य मूर्ध्नि तिष्ठन्ति वायसाः।
उत्तरं – तस्य कुत्र/कस्मिन् तिष्ठन्ति वायसाः। Note: मूर्ध्नि =सिर पर (सप्तमी विभक्ति)
7. उदाहरणानुसारं पदानि पृथक् कुरुते-
यथा-समुद्रमासाद्य | समुद्रम् + आसाद्य |
माधुर्यमेव | ………….+…………. |
अल्पमेव | ………….+………….. |
सर्वमेव | ………….+…………. |
दैवमेव | …………..+…………. |
महात्मनामुक्तिः | …………..+…………. |
विपदामादावेव | …………..+…………. |
उत्तरं –
यथा-समुद्रमासाद्य | समुद्रम् + आसाद्य |
माधुर्यमेव | माधुर्यम् + एव |
अल्पमेव | अल्पम् + एव |
सर्वमेव | सर्वम् + एव |
दैवमेव | दैवम् + एव |
महात्मनामुक्तिः | महात्मनाम् + उक्तिः |
विपदामादावेव | विपदाम् + आदावेव |
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