सप्तम: पाठः
Chapter 7-सिकतासेतुः
रेत का पुल
Sand bridge
प्रस्तुत: नाट्यांशः सोमदेवविरचितः “कथासरित्सागरः ” इत्यस्य सप्तमाध्यायोपरि आधारितोऽस्ति। अस्मिन् नाट्यांशे तपसा विद्यां प्राप्तुं यत्नशील: कश्चित् तपोदत्तनामकः कुमारः चित्रित: अस्ति। तस्य मार्गदर्शनाय पुरुषवेषधारी देवराज: इन्द्रः तत्र आगतवान् । तत्र आगत्य देवराज: सिकताभि: सेतुनिर्माणार्थं प्रयतते। एतद् दृष्ट्वा तपोदत्तः प्रहसन् वदति किमर्थं भो ! बालुकाभिः जलबन्धं निर्मासि? ततो देवराज: प्रतिवक्ति यद् यद् अध्ययनं श्रवणं पठनं विना यदि त्वं विद्यां प्राप्तुं शक्नोषि तदा अहमपि बालुकाभि: सेतुनिर्माणं कर्तुं शक्नोमि। देवराजस्य अभिप्रायं ज्ञात्वा तपोदत्तः विद्याप्राप्तिकाम: गुरुकुलं गतवान्।
Hindi Translation: प्रस्तुत नाट्यांश सोमदेव द्वारा रचित “कथासरित्सागर” के सातवें अध्याय पर आधारित है। इस नाट्यांश में “तपोदत्त” नामक एक बालक तपस्या के बल पर विद्या प्राप्त करना चाहता है। उसके मार्गदर्शन के लिए पुरुषवेषधारी देवराज इन्द्र वहाँ आए। वहाँ आकर देवराज बालू के द्वारा नदी पर पुल बना रहे थे। यह देखकर तपोदत्त हँसकर बोला – किसलिए! बालू के द्वारा बाँध बना रहे हो? तब देवराज प्रति-उत्तर देता है – जो व्यक्ति यदि बिना अध्ययन, बिना सुनने और पढ़ने के विद्या प्राप्त कर सकता है, तब मैं भी बालू के द्वारा पुल निर्माण कर सकता हूँ। देवराज का आशय जानकर तपोदत्त विद्या प्राप्ति की ईक्षा लेकर गुरुकुल गया।
English Translation: The present part of the play is based on the seventh chapter of “Kathasaritsagar” composed by Somdev. In this drama, a boy named “Tapodutt” wants to acquire education by the means of penance. Devraj Indra, dressed as a man, came there to guide him. Coming there, Devraj was building a bridge over the river with the help of sand. Seeing this, Tapodatta laughed and said – Why! Are you building a dam with sand? Then Devraj counter-answers – If a person can acquire knowledge without studying, without listening and reading, then I can also build a bridge with sand. Knowing the meaning of Devraj, Tapodatta went to the Gurukul with the hope of attaining education.
(ततः प्रविशति तपस्यारतः तपोदत्तः)
(तब तपस्या करता हुआ तपोदत्त प्रवेश करता है)
तपोदत्तः – अहमस्मि तपोदत्तः । बाल्ये पितृचरणै: क्लेश्यमानोऽपि विद्यां नाऽधीतवानस्मि। तस्मात् सर्वे: कुटुम्बिभिः मित्रैः ज्ञातिजनैश्च गर्हितोऽभवम्॥
Hindi Translation:
तपोदत्त – मैं तपोदत्त हूँ। बाल्यावस्था में पूज्य पिताजी के द्वारा क्लेश किए जाने पर भी मेरे द्वारा विद्या को ग्रहण नहीं किया। इसीलिए कुल के सभी सदस्यों, मित्रों और सम्बन्धियों के द्वारा मेरा अनादर किया गया।
English Translation:
Tapodatta – I am Tapodatta. In my childhood, I did not accept education even after the revered father’s tribulation. That’s why I was disrespected by all the members of the clan, friends and relatives.
(ऊर्ध्वं नि:श्वस्य)
(ऊपर की तरफ साँस छोड़ के)
हा विधे! किम् इदं मया कृतम्? कीदृशी दुर्बुद्धि आसीत् तदा। एतदपि न चिन्तितं यत्-
Hindi Translation: हे विधाता! मेरे द्वारा यह क्या किया? कैसी दुर्बुद्धि थी उस वक़्त! मैने यह भी नहीं सोचा कि –
English Translation: O, creator! What did I do? What a foolishness it was at that time! I didn’t even think that –
परिधानैरलङ्कारैर्भूषितोऽपि न शोभते।
नरो निर्मणिभोगीव सभायां यदि वा गृहे ।। 1 ।।
Hindi Translation: कपड़ो और अलंकारों से विभूषित किन्तु अशिक्षित मनुष्य घर पर या सभा में उसी प्रकार सुशोभित नहीं होता है जिस प्रकार मणि से रहित साँप।
English Translation: A man adorned with clothes and ornaments, but uneducated, is not as adorned at home or in public as a snake devoid of gems.
(किञ्चिद् विमृश्य)
(कुछ सोचकर)
भवतु, किम् एतेन? दिवसे मार्गभ्रान्तः सन्ध्यां यावद् यदि गृहमुपैति तदपि वरम्। नाऽसौ भ्रान्तो मन्यते। अतोऽहम् इदानीं तपश्चर्यया विद्यामवाप्तुं प्रवृत्तोऽस्मि।
Hindi Translation: ठीक है, इससे क्या? दिन में मार्ग भटका हुआ राही यदि शाम तक घर वापस आ जाता है तो भी ठीक है। तब वह भटका हुआ नहीं माना जाता। अब मैं तपस्या के द्वारा विद्या प्राप्ति में लग जाता हूँ।
English Translation: So, how about that? It is also acceptable if the wayfarer becomes lost during the day and returns home by evening. Then he is not thought to have gone astray. Now I’m working on gaining knowledge through penance.
(जलोच्छलनध्वनिः श्रूयते)
जल के उछलने की आवाज़ सुनी जाती है)
अये कुतोऽयं कल्लोलोच्छलनध्वनिः? महामत्स्यो मकरो वा भवेत्। पश्यामि तावत्।
Hindi Translation: अरे! यह लहरों के उछलने की ध्वनि कहाँ से आ रही है? सम्भवत: बड़ी मछली या मगरमच्छ हो। देखता हूँ, तब (क्या बात है?)।
English Translation: Hey! Where is this sound of ripples coming from? Maybe a big fish or a crocodile. I see, then (what’s the matter?).
( पुरुषमेकं सिकताभिः सेतुनिर्माण-प्रयासं कुर्वाणं दृष्ट्वा सहासम्)
(एक पुरुष को बालू के द्वारा पुल बनाने का प्रयास करते हुए देखकर हँसते हुए)
हन्त! नास्त्यभावो जगति मूर्खाणाम्! तीव्रप्रवाहायां नद्यां मूढोऽयं सिकताभिः सेतुं निर्मातुं प्रयतते!
Hindi Translation: हाय! इस दुनियाँ में मूर्खों की कमी नहीं है। तीव्र बहाव वाली नदी में यह बेवकूफ़ बालू से पुल बनाने का प्रयास कर रहा है।
English Translation: Hi! There is no dearth of fools in this world. This idiot is trying to build a bridge with sand in a fast-flowing river.
(साट्टहासं पार्श्वमुपेत्य)
(जोर-जोर से हँसकर पास जाकर)
भो महाशय! किमिदं विधीयते! अलमलं तव श्रमेण। पश्य,
Hindi Translation: हे जनाब! यह क्या कर रहे हो? बस, तुम्हारी मेहनत रोको। देखो –
English Translation: O man! what are you doing this? Just stop your hard work. See –
रामो बबन्ध यं सेतुं शिलाभिर्मकरालये।
विदधद् बालुकाभिस्तं यासि त्वमतिरामताम्।।2।।
Hindi Translation: राम ने सागर पर जिस सेतु को पत्थरों से निर्मित किया, उस पुल को बालू से बनाते हुए, तुम उनके प्रयसों का बलात्कार कर रहे हो।
English Translation: You are raping his efforts by building the bridge over the ocean with sand, which Ram built with stones.
चिन्तय तावत्। सिकताभि: क्वचित्सेतुः कर्तुं युज्यते?
Hindi Translation: थोड़ा विचार करो! कहीं बालू के द्वारा पुल बनाया जा सकता है?
English Translation: Think a little! Where can a bridge be built with sand?
पुरुषः – भोस्तपस्विन्! कथं माम् अवरोधं करोषि । प्रयत्नेन किं न सिद्धं भवति? कावश्यकता शिलानाम्? सिकताभिरेव सेतुं करिष्यामि स्वसंकल्पदृढतया।
तपोदत्तः – आश्चर्यम् किम् सिकताभिरेव सेतुं करिष्यसि? सिकता जलप्रवाहे स्थास्यन्ति किम्? भवता चिन्तितं न वा?
Hindi Translation:
पुरुष – हे तपस्विन्! तुम मुझको किसलिए रोकते हो? कोशिश करने से क्या पूर्ण नहीं होता? पत्थरों की क्या जरूरत? बालू से ही सेतु निर्माण करने के लिए दृढ़ सङ्कल्पित हूँ।
तपोदत्त – ताज्जुब है! बालू से ही पुल निर्मित करोगे? क्या तुमने यह विचार किया है कि बालू पानी के बहाव पर कैसे रूक पाएगा?
English Translation:
Man – O ascetic! why are you stopping me What is not accomplished by trying? Why do you need stones? I am determined to build a bridge out of the sand.
Tapodutta – Wonderful! Will you build a bridge with sand? Have you thought about how the sand would stop at the flow of water?
पुरुषः – (सोत्प्रासम्) चिन्तितं चिन्तितम्। सम्यक् चिन्तितम्। नाहं सोपानसहायतया अधि-रोढुं विश्वसिमि। समुत्प्लुत्यैव गन्तुं क्षमोऽस्मि।
तपोदत्तः – (सव्यङ्ग्यम्) साधु साधु! आञ्जनेयमप्यतिक्रामसि!
पुरुषः – ( सविमर्शम्) कोऽत्र सन्देह:? किञ्च,
Hindi Translation:
पुरुष – (उसकी बात को काटते हुए) सोचा है, सोचा है, अच्छी तरह विचार किया है। मैं सीढ़ियों के सहायता के द्वारा छत पर चढ़ने में विश्वास नहीं करता। मुझमें छलाँग लगाकर जाने की शक्ति है।
तपोदत्त – (ताना देते हुए) वाह! वाह! तुम तो अञ्जनिपुत्र हनुमान का भी अनादर कर रहे हो।
पुरुष – (सोच- समझकर) और क्या? यहाँ क्या सन्देह है।
English Translation:
Man – (rebutting his point) Yes, I have thought, and I have thought well. I don’t believe in using stairs to get to the roof. I have the ability to jump.
Tapodatta – (taunting) Wow! Wow! You are also disrespecting Anjaniputra Hanuman.
Man – (thinkingly) What else? What is the doubt here?
विना लिप्यक्षरज्ञानं तपोभिरेव केवलम्।
यदि विद्या वशे स्युस्ते, सेतुरेष तथा मम ।।3।।
Hindi Translation: लिपि तथा अक्षर-ज्ञान के बिना जैसे सर्फ तपस्या से विद्या तुम्हारे वश में हो जाएगी, उसी प्रकार मेरा यह सेतु भी (बन जाएगा)।
English Translation: Without knowledge of script and alphabet, just as education will be brought under your control through austerity, so will this bridge.
तपोदत्तः – (सवैलक्ष्यम् आत्मगतम्) अये! मामेवोद्दिश्य भद्रपुरुषोऽयम् अधिक्षिपति! नूनं सत्यमत्र पश्यामि। अक्षरज्ञानं विनैव वैदुष्यमवाप्तुम् अभिलषामि ! तदियं भगवत्या: शारदाया अवमानना। गुरुगृहं गत्वैव विद्याभ्यासो मया करणीयः। पुरुषार्थैरेव लक्ष्यं प्राप्यते।
Hindi Translation: तपोदत्त-(शर्माता हुआ अपने मन में) अरे! यह महानुभाव मुझे ही लक्ष्य करके निंदा कर रहा है। पूर्ण रूप से यहाँ मैं सत्यता देख रहा हूँ। मैं बिना अक्षर-ज्ञान के ही शिक्षा हासिल करना चाहता हूँ। यह तो देवी सरस्वती का तिरस्कार है। मुझे गुरुकुल जाकर ही विद्या प्राप्त करना चाहिए। परिश्रम से ही गंतव्य की प्राप्ति सम्भव है।
English Translation: Tapodutt – (smiling in his mind) Oh! This gentleman is targeting me and slandering. Totally here I am seeing the truth. I want to get an education without letter-knowledge. This is an insult to Goddess Saraswati. I should go to Gurukul and get the knowledge. Achieving the destination is possible only through hard work.
(प्रकाशम्)
प्रकट रूप से
भो नरोत्तम! नाऽहं जाने यत् कोऽस्ति भवान्। परन्तु भवद्भि: उन्मीलितं मे नयनयुगलम्।तपोमात्रेण विद्यामवाप्तुं प्रयतमानः अहमपि सिकताभिरेव सेतुनिर्माणप्रयासं करोमि । तदिदानीं विद्याध्ययनाय गुरुकुलमेव गच्छामि।
(सप्रणामं गच्छति)
Hindi Translation: हे श्रेष्ठ नर! मैं नहीं जानता कि आप कौन हैं? लेकिन आपने मेरे नेत्र खोल दिए। तपस्या मात्र से ही विद्या को प्राप्त करने की कोशिश करता हुआ मैं भी बालू से ही सेतु निर्माण का प्रयास कर रहा था, तो अब मैं विद्या प्राप्त करने के लिए गुरुकुल जाता हूँ।
English Translation: Oh great man! I do not know who you are? However, you have changed my perspective. I was also attempting to build a bridge out of the sand while attempting to acquire knowledge through penance, so I now go to Gurukul for education.
(सप्रणामं गच्छति)
(प्रणाम करता हुआ चला जाता है)
THE END
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Good sir sir bahut achchaa paragraph hai hindi sanskrit english good sir thank you Sir
English and Hindi translation is not there😕😕
it is there
Lol who have exam tomorrow at morning and here trying to understand the lesson now 🤣🤣🤣🤣
Me
Me
Yahai pai to hindi translation nahi hai
🤨🤨😐 Hindi English de to rakhi h
sahi
L*l
I love you payal
God bless you