सौर – मण्डल–
👉 हमारे सौर मंडल में सूर्य, आठ ग्रह, उपग्रह, क्षुद्रग्रह और उल्कापिंड शामिल हैं। हम अक्सर इसे सौर परिवार कहते हैं, जिसका मुखिया सूर्य होता है।
सूर्य–
👉 सूर्य हमारे सौरमंडल के केंद्र में है।
👉 यह विशाल है और अत्यधिक गर्म गैसों से बना है।
👉 यह सौर मंडल के लिए ऊष्मा और प्रकाश का अंतिम स्रोत है।
👉 सूर्य पृथ्वी से लगभग 1500 लाख किलोमीटर दूर है।
ग्रह–
👉 हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह हैं।
👉 ये आठ ग्रह सूर्य से दूरी के हिसाब से इस क्रम में हैं- बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून।
👉 ग्रह सूर्य के चारों ओर एक निश्चित पथ पर चक्कर लगाते हैं जिसे कक्षाएँ कहते हैं।
👉 बुध सबसे निकट है और वरुण सूर्य से सबसे दूर है।
👉 बृहस्पति ग्रह हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।
पृथ्वी–
👉यह सूर्य से तीसरा निकटतम ग्रह है और हमारे सौर मंडल का पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है।
👉पृथ्वी हमारे सौरमंडल का अनूठा ग्रह है क्योंकि जीवन को सहारा देने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ शायद पृथ्वी पर ही पाई जाती हैं।
👉इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है क्योंकि इसका दो-तिहाई सतह पानी से ढका हुआ है।
👉इसका आकार जियोइड है।
चंद्रमाँ–
👉हमारी पृथ्वी का केवल एक ही उपग्रह है, वह है चंद्रमा।
👉इसका व्यास पृथ्वी के व्यास का केवल एक चौथाई है।
👉 यह हमसे करीब 3,84,400 किलोमीटर दूर है।
👉चंद्रमा लगभग 27 दिनों में पृथ्वी का एक चक्कर लगाता है।
👉चन्द्रमा पर जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ नहीं हैं।
क्षुद्र-ग्रह–
👉हमारे सौरमंडल में कई छोटे-छोटे पिंड भी हैं जो सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं, इन्हें क्षुद्रग्रह कहा जाता है।
👉 वे मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच पाए जाते हैं।
उल्कापिंड–
👉चट्टानों के छोटे-छोटे टुकड़े जो सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं, उल्कापिंड कहलाते हैं।
👉 जब कोई उल्कापिंड पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है तो वह हवा से घर्षण के कारण गर्म हो जाता है। यह प्रकाश की एक चमक का कारण बनता है।
आकाशगंगा–
👉एक आकाशगंगा अरबों सितारों, और धूल और गैसों के बादलों की एक विशाल प्रणाली है।
👉 हमारा सौर मंडल आकाशगंगा का एक हिस्सा है।
👉 ऐसी लाखों आकाशगंगाएँ हैं जो ब्रह्मांड का निर्माण करती हैं।
खगोलीय पिंड–
👉सूर्य, चन्द्रमा तथा रात्रि के समय आकाश में चमकने वाले वे सभी पिंड खगोलीय पिण्ड कहलाते हैं।
सितारा–
👉सितारा एक खगोलीय पिंड है जो गैसों से बने होते हैं तथा उनके पास अपनी गर्मी और रौशनी होती है, जिसे वे बड़ी मात्रा में उत्सर्जित करते हैं।
तारामंडल–
👉तारों की विभिन्न समूह द्वारा बनाई गई विविध आकृतियों को नक्षत्र कहा जाता है।
👉 सप्तर्षि तारामंडल या बिग बीयर ऐसा ही एक नक्षत्र है।
पूर्णिमा–
👉 जब चंद्रमा पृथ्वी से पूर्ण गोले के रूप में दिखाई देता है, तो उसे पूर्णिमा की रात या पूर्णिमा कहा जाता है।
👉 आप लगभग एक महीने में केवल एक बार पूर्णिमा देख सकते हैं।
अमावस्या–
👉एक पखवाड़े (पंद्रह दिन) बाद, आप चंद्रमाँ को बिल्कुल नहीं देख सकते हैं। इसे अमावस्या की रात या अमावस्या कहते हैं।
ध्रुव तारा–
👉प्राचीन काल में लोग तारों की सहायता से रात में दिशा का निर्धारण करते थे। उत्तरी सितारा उत्तर की दिशा को इंगित करता है। इसे ध्रुव तारा कहते हैं।
👉यह हमेशा आकाश में एक ही स्थिति में रहता है।
उपग्रह–
👉 उपग्रह एक खगोलीय पिंड है जो ग्रहों के चारों ओर उसी तरह घूमता है, जैसे ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं।
तथ्य–
👉 मानव निर्मित उपग्रह एक कृत्रिम पिंड है। इसे वैज्ञानिकों द्वारा ब्रह्मांड के बारे में जानकारी एकत्र करने या संचार बनाने के लिए बनाया गया है।
👉 नील आर्मस्ट्रांग 20 जुलाई 1969 को चंद्रमा की सतह पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति थे।
👉 प्रकाश लगभग 300,000 किमी प्रति सेकंड की गति से यात्रा करता है।
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