वाच्य-तालिका
वाच्यम् | कर्त्ता | कर्म | क्रिया |
कर्तृवाच्यम् (क) सकर्मक (ख) अकर्मक | विभक्ति – प्रथमा लिङ्ग, पुरुष, वचन – कर्त्ता के अनुसार (क) बालक: (ख) बालक: | विभक्ति – द्वितीया लिङ्ग, पुरुष, वचन – कर्म के अनुसार पुस्तकं X | लकार – जरुरत अनुसार पुरुष, वचन – कर्त्ता के अनुसार धातु रूप – धातु के स्वरुप के अनुसार परस्मैपदी/ आत्मनेपदी पठति। हसति। |
कर्मवाच्यम् सकर्मक | विभक्ति – तृतीया लिङ्ग, पुरुष, वचन – कर्त्ता के अनुसार बालकेन | विभक्ति – प्रथमा लिङ्ग, पुरुष, वचन – कर्म के अनुसार पुस्तकं | लकार – जरुरत अनुसार पुरुष, वचन – कर्म के अनुसार धातु रूप – धातु के साथ ‘य’ तथा आत्मनेपद के प्रत्यय मतलब ‘य’ जोड़के आत्मनेपदी जैसा धातु-रूप बनाएँ पठ्यते। |
भाववाच्यम् अकर्मक | विभक्ति – तृतीया लिङ्ग, पुरुष, वचन – कर्त्ता के अनुसार बालकेन | X | लकार – जरुरत अनुसार पुरुष, वचन –Fix (प्रथम पुरुष, एकवचन) धातु रूप – धातु के साथ ‘य’ तथा आत्मनेपद के प्रत्यय मतलब ‘य’ जोड़के आत्मनेपदी जैसा धातु-रूप बनाएँ हस्यते। |
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Sir
Mujhe Sanskrit learn Karne me muskil hai