शेमुषी भाग 2 -Class 10 Sanskrit- Chapter 10 – भूकम्पविभीषिका- translation in Hindi (Hindi Anuvad) 2023-24, हिंदी अनुवाद, Hindi meaning, Hindi arth, Hindi summary, English Translation, and English Summary are provided here. That Means, word meanings (शब्दार्थ:), अन्वयः, सरलार्थ, are given for the perfect explanation of CBSE Shemushi Bhag 2- Class 10 Sanskrit- Chapter 10 – भूकम्पविभीषिका – Hindi Translation & English Translation
Translation in Hindi & English (Meaning/Arth/Anuvad)
दशम: पाठ:
Chapter 10 – भूकम्पविभीषिका
भूकंप की भयावहता
Disaster of the Earthquake
प्रस्तुतोऽयं पाठः अस्माकं वातावरणे सम्भाव्यमानप्रकोपेषु अन्यतमां भूकम्पस्य विभीषिकां द्योतयति। प्रकृतौ जायमानाः आपदः भयावहप्रलयं समुत्पाद्य मानवजीवनं संत्रासयन्ति, ताभिः प्राणिनां सुखमयं जीवनं दु:खमयं सञ्जायते। एतासु प्रमुखाः सन्ति – झञ्झावातः, भूकम्पनम्, जलोपप्लवः, अतिवृष्टिः, अनावृष्टिः, शिलास्खलनम्, भूविदारणम्, ज्वालामुखस्फोटादयः। अत्र पाठे भूकम्पविषये चिन्तनं विहितं यत् आपत्काले विपन्नतां त्यक्त्वा साहसेन यत्नं कुर्मः चेत् दारुणविभीषिकया संरक्षिता भवामः।
Hindi Translation: यह प्रस्तुत पाठ हमारे वातावरण में सम्भावित प्रकोपों में एक भूकम्प की भयावहता को निरूपित करता है। प्रकृति से उत्पन्न आपदा भयानक प्रलय को पैदा करके मानव जीवन को पीड़ित करती हैं। उन प्राणियों के सुखमय जीवन को दुःखमय बना देती है। इसमें से प्रमुख हैं – आँधी, भूकंप, बाढ़, अत्यधिक वर्षा, सूखा, शिलास्खलन, धरती में दरार आना, ज्वालामुखी इत्यादि। इस पाठ में भूकंप के विषय में चिंतन किया गया है कि आपात काल में चिंता को त्यागकर साहस के साथ प्रयत्न करना चाहिए जिससे कि भयानक भयावहता से सुरक्षित रह सकें।
English Translation: This presented lesson depicts the horror of earthquake among the possible outbreaks in our environment. Disasters caused by nature cause terrible destruction and cause suffering to human life. It turns the happy life of those creatures into a miserable one. Major among these are – storm, earthquake, flood, excessive rainfall, drought, rockslide, cracks in the earth, volcano etc. In this lesson, it has been discussed about earthquake that in emergency times, one should give up worry and try with courage so that one can remain safe from the terrible horror.
एकोत्तरद्विसहस्रख्रीष्टाब्दे (2001 ईस्वीये वर्षे) गणतन्त्र-दिवस-पर्वणि यदा समग्रमपि भारतराष्ट्रं नृत्य-गीतवादित्राणाम् उल्लासे मग्नमासीत् तदाकस्मादेव गुर्जर-राज्यं पर्याकुलं, विपर्यस्तम्, क्रन्दनविकलं विपन्नञ्च जातम्। भूकम्पस्य दारुणविभीषिका समस्तमपि गुर्जरक्षेत्रं विशेषेण च कच्छजनपदं ध्वंसावशेषेषु परिवर्तितवती। भूकम्पस्य केन्द्रभूतं भुजनगरं तु मृत्तिकाक्रीडनकमिव खण्डखण्डम् जातम्। बहुभूमिकानि भवनानि क्षणेनैव धराशायीनि जातानि। उत्खाता विद्युद्दीपस्तम्भाः। विशीर्णाः गृहसोपानमार्गाः।
Hindi Translation: सन् 2001 ईस्वी में 2001 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर जब पूरा भारत नाच-गाने और वाद्ययंत्रों की खुशियों में डूबा हुआ था, तब अचानक ही गुजरात राज्य व्याकुल, परेशान और रोने-धोने वाला हो गया। भूकंप की भयानक भयावहता ने पूरे गुजरात क्षेत्र और विशेषकर कच्छ जिले को खंडहर में बदल दिया। भूकंप का केंद्र भुज शहर मिट्टी के खिलौने की तरह टुकड़े-टुकड़े हो गया। बहुमंजिला इमारतें क्षण-भर में ही ढह गईं। बिजली के खम्भे उखड़ गए। घर की सीढ़ियाँ टूट गईं।
English Translation: In 2001 AD, on the occasion of Republic Day, when the whole of India was immersed in the joy of dancing, singing and musical instruments, then suddenly Gujarat became distraught, upset and crying. The magnitude of the earthquake reduced the entire Gujarat region and especially the Kutch district into ruins. Bhuj city, the epicenter of the earthquake, broke into pieces like a clay toy. Multi-storey buildings collapsed within moments. Electric poles were uprooted. The stairs of the house broke.
फालद्वये विभक्ता भूमिः। भूमिगर्भादुपरि निस्सरन्तीभिः दुर्वार-जलधाराभिः महाप्लावनदृश्यम् उपस्थितम्। सहस्रमिताः प्राणिनस्तु क्षणेनैव मृताः। ध्वस्तभवनेषु सम्पीडिता सहस्रशोऽन्ये सहायतार्थं करुणकरुणं क्रन्दन्ति स्म। हा दैव! क्षुत्क्षामकण्ठाः मृतप्रायाः केचन शिशवस्तु ईश्वरकृपया एव द्वित्राणि दिनानि जीवनं धारितवन्तः।
Hindi Translation: भूमि दो टुकड़ों में विभाजित हो गई। भूमि के गर्भ के ऊपर निकलती हुई दुर्वार (जिनसे छुटकारा पाना कठिन हो) जल धाराओं द्वारा बाढ़ का दृश्य बन गया। हज़ारों प्राणी तो क्षण भर में ही मर गए।ध्वस्त घरों में पीड़ित हज़ारों अन्य लोग मदद के लिए करुण स्वर में चिल्ला रहे थे। हाय, नियति! भूख से (पीड़ित) कंठ वाले मरे हुए के समान कुछ शिशु तो भगवान के कृपा द्वारा ही दो-तीन दिन जीवित रहें।
English Translation: The land was divided into two pieces. A scene of flood was created due to the strong water streams emerging from the womb of the land. Thousands of living beings died within a moment. Thousands of other people suffering from collapsed houses were crying out pitifully for help. Hi, destiny! Some babies with throats suffering from hunger, who are as if dead, may survive for two-three days only by the grace of God.
इयमासीत् भैरवविभीषिका कच्छ-भूकम्पस्य। पञ्चोत्तर-द्विसहस्रख्रीष्टाब्दे ( 2005 ईस्वीये वर्षे ) अपि कश्मीर-प्रान्ते पाकिस्तान-देशे च धरायाः महत्कम्पनं जातम्। यस्मात्कारणात् लक्षपरिमिताः जनाः अकालकालकवलिताः। पृथ्वी कस्मात्प्रकम्पते वैज्ञानिकाः इति विषये कथयन्ति यत् पृथिव्या अन्तर्गर्भे विद्यमानाः बृहत्यः पाषाण- शिलाः यदा संघर्षणवशात् त्रुट्यन्ति तदा जायते भीषणं संस्खलनम्, संस्खलनजन्यं कम्पनञ्च। तदैव भयावहकम्पनं धरायाः उपरितलमप्यागत्य महाकम्पनं जनयति येन महाविनाशदृश्यं समुत्पद्यते।
Hindi Translation: यह भयानक भयावहता कच्छ के भूकंप का था। सन् 2005 ईस्वी में भी कश्मीर राज्य और पाकिस्तान देश में बड़ा भूकंप आया था। जिस कारण से लगभग लाखों लोग अकाल मृत्यु को प्राप्त हो गए। पृथ्वी कैसे कांपती है, वैज्ञानिक इस विषय में कहते हैं कि धरती के गर्भ के अंदर उपस्थित बहुत बड़े-बड़े पत्थर की शिलाएँ जब (आपस में) टकराकर टूटते हैं तब भीषण संस्खलन (शिलाओं का स्थान से हटना) होता है और संस्खलन उत्पन्न करके कम्पन्न उत्पन्न होता है। तब ही भयावह कम्पन्न धरती के ऊपरी तल पर आकर बड़े भूकम्प उत्पन्न करता है जिससे महान विनाश का दृश्य उत्पन्न होता है।
English Translation: This was the horrific earthquake of Kutch. In 2005 AD also there was a major earthquake in Kashmir and Pakistan. Due to which almost lakhs of people died prematurely. Regarding how the earth trembles, scientists say that when very large rocks present inside the earth collide and break, then a severe earthquake occurs and due to the earthquake, tremors are generated. Then the terrible vibration comes to the upper surface of the earth and causes a big earthquake, which creates a scene of great destruction.
ज्वालामुखपर्वतानां विस्फोटैरपि भूकम्पो जायत इति कथयन्ति भूकम्पविशेषज्ञाः। पृथिव्याः गर्भे विद्यमानोऽग्निर्यदा खनिजमृत्तिकाशिलादिसञ्चयं क्वथयति तदा तत्सर्वमेव लावारसताम् उपेत्य दुर्वारगत्या धरां पर्वतं वा विदार्य बहिर्निष्क्रामति। धूमभस्मावृतं जायते तदा गगनम्। सेल्सियश-ताप-मात्राया अष्टशताङ्कतामुपगतोऽयं लावारसो यदा नदीवेगेन प्रवहति तदा पार्श्वस्थग्रामा नगराणि वा तदुदरे क्षणेनैव समाविशन्ति। निहन्यन्ते च विवशाः प्राणिनः। ज्वालामुद्गिरन्त एते पर्वता अपि भीषणं भूकम्पं जनयन्ति।
Hindi Translation: ज्वालामुखी-पर्वत पर विस्फोट के द्वारा भी भूकंप उत्पन्न होता है, ऐसा विशेषज्ञ कहते हैं। पृथ्वी के गर्भ में विद्यमान अग्नि जब खनिज, मिट्टी और शिला के संचय को उबालती है तब वह सब ही लावा बनकर तीव्र गति से धरती या पर्वत को फाड़कर बाहर निकलता है। तब आसमान धुएँ से ढक जाता है। सेल्सियस की ताप मात्रा द्वारा आठ सौ तक पहुँचकर यह लावा जब नदी के रफ़्तार से प्रवाहित होता है तब पास में स्थित गाँव या शहर उसके पेट में क्षण भर में ही समा जाते हैं। मजबूर प्राणी मारे जाते हैं। ज्वाला (आग) को उगलते हुए ये पहाड़ भी भीषण भूकम्प को उत्पन्न करते हैं।
English Translation: Experts say that earthquakes are also caused by eruptions on volcanic mountains. When the fire present in the womb of the earth boils the accumulation of minerals, soil and rocks, then all of it turns into lava and comes out at high speed tearing the earth or mountain. Then the sky gets covered with smoke. When this lava reaches eight hundred degrees Celsius and flows at the speed of a river, nearby villages or cities get engulfed in its stomach within a moment. Compelled creatures are killed. These mountains, while spewing flame, also generate severe earthquakes. Compelled creatures are killed. While spewing flame, these mountains also generate severe earthquakes.
यद्यपि दैवः प्रकोपो भूकम्पो नाम , तस्योपशमनस्य न कोऽपि स्थिरोपायो दृश्यते। प्रकृतिसमक्षमद्यापि विज्ञानगर्वितो मानवः वामनकल्प एव, तथापि भूकम्परहस्यज्ञाः कथयन्ति यत् बहुभूमिकभवननिर्माणं न करणीयम्। तटबन्धं निर्माय बृहन्मात्रं नदीजलमपि नैकस्मिन् स्थले पुञ्जीकरणीयम् अन्यथा असन्तुलनवशाद् भूकम्पस्सम्भवति। वस्तुतः शान्तानि एव पञ्चतत्त्वानि क्षितिजलपावकसमीरगगनानि भूतलस्य योगक्षेमाभ्यां कल्पन्ते। अशान्तानि खलु तान्येव महाविनाशम् उपस्थापयन्ति।
Hindi Translation: हालाँकि दैवीय प्रकोप को भूकंप कहा जाता है, उसको शान्त करने का कोई भी स्थिर उपाय नहीं दिखाई पड़ता है। प्रकृति के समक्ष आज भी विज्ञान का घमंड करने वाला मनुष्य बौना ही है, हालाँकि भूकम्प का रहस्य जानने वाले कहते हैं कि बहुमंजिला भवनों का निर्माण नहीं करना चाहिए। बाँध का निर्माण करके बहुत अधिक मात्रा में नदी के जल को भी एक स्थान पर जमा नहीं करना चाहिए अन्यथा असंतुलन के वजह से भूकम्प आते हैं। वास्तव में, शान्त पांच तत्व – ‘पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश’ पृथ्वी के योग (अप्राप्त की प्राप्ति) और क्षेम (प्राप्त की रक्षा) की कल्पना करते हैं। निश्चय ही अशान्त वे (पाँच तत्त्व) ही महाविनाश को उत्पन्न करते हैं।
English Translation: Although the divine wrath is called earthquake, there does not seem to be any permanent solution to calm it. Even today, man who boasts of science is a dwarf in front of nature, although those who know the secret of earthquakes say that multi-storey buildings should not be constructed. A large amount of river water should not be accumulated at one place by building a dam, otherwise earthquakes occur due to imbalance. In fact, only when the five elements – ‘Earth, Water, Fire, Air and Sky’ are calm, the Earth imagines the attainment of the unachieved and the protection of the achieved. Certainly, the disturbed five elements, cause great destruction.
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