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Class 10 Sanskrit Chapter 6- सौहार्दं प्रकृते: शोभा- Hindi Translation & English translation 2023-24

शेमुषी भाग-2 – Class 10 Sanskrit Chapter 6- सौहार्द प्रकृते: शोभा – translation in Hindi 2023-24 (Hindi Anuvad), हिंदी अनुवाद, Hindi meaning, Hindi arth, Hindi summary, English Translation, and English Summary are provided here. That Means, word meanings (शब्दार्थ:), अन्वयः, सरलार्थ, are given for the perfect explanation of CBSE Shemushi Bhag 2 – Sanskrit Class 10 Chapter 6- सौहार्द प्रकृते: शोभा |

Translation in Hindi & English (Meaning/Arth/Anuvad)

षष्ठ: पाठः
सौहार्दं प्रकृते: शोभा

निश्छलता प्रकृति की शोभा है

अयं पाठ: परस्परं स्नेहसौहार्दपूर्णः व्यवहार: स्यादिति बोधयति। सम्प्रति वयं पश्याम: यत् समाजे जना: आत्माभिमानिनः सञ्जाताः, ते परस्परं तिरस्कुर्वन्ति। स्वार्थपूरणे संलग्ना: ते परेषां कल्याणविषये नैव किमपि चिन्तयन्ति। तेषां जीवनोद्देश्यम् अधुना इदं सञ्जातम्-“नीचैरनीचैरतिनीचनीचैः सर्वैः उपायैः फलमेव साध्यम्” अत: समाजे पारस्परिकस्नेहसंवर्धनाय अस्मिन् पाठे पशुपक्षिणां माध्यमेन समाजे व्यवहृतम् आत्माभिमानं दर्शयन्, प्रकृतिमातुः माध्यमेन अन्ते निष्कर्ष: स्थापित: यत् कालानुगुणं सर्वेषां महत्त्वं भवति, सर्वे अन्योन्याश्रिताः सन्ति। अतः अस्माभिः स्वकल्याणाय परस्परं स्नेहेन मैत्रीपूर्णव्यवहारेण च भाव्यम्।

Hindi Translation:

इस पाठ का तात्पर्य है कि हमें एक-दूसरे के साथ स्नेह और सद्भाव का व्यवहार करना चाहिए। आजकल हम देखते हैं कि समाज में लोग आत्मकेंद्रित (स्वाभिमानी) हो गए हैं, वे एक-दूसरे का तिरस्कार करते हैं। स्वार्थ में लिप्त, वे दूसरों के कल्याण के बारे में कुछ नहीं सोचते हैं। उनके जीवन का उद्देश्य अब यह हो गया है: “फल हर तरह से प्राप्त होता है, नीच, अनीच और बहुत नीच।” अतः समाज में आपसी स्नेह को बढ़ावा देने के लिए यह पाठ पशु-पक्षियों के द्वारा समाज में व्यवहार किये जाने वाले स्वाभिमान को दर्शाता है और प्रकृति माँ के माध्यम से अंतत: यह निष्कर्ष स्थापित किया जाता है कि समय और गुण के साथ सब (जीव) महत्वपूर्ण हो जाता है और सभी एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। इसलिए हमें अपने कल्याण के लिए एक-दूसरे के साथ स्नेह और मित्रता का व्यवहार करना चाहिए।

English Translation:

This text implies that we should treat each other with affection and harmony. Nowadays we see that people have become self-centered (self-respecting) in society, they despise each other. Indulging in selfishness, they think nothing of the welfare of others. The purpose of his life has now become this: “The goal is attained in every way, low, the low, and the very low.” Therefore, in order to promote mutual affection in society, this lesson shows the self-respect treated by animals and birds in society and through mother nature, finally, the conclusion is established that with time and quality all living beings are important. and all are dependent on each other. Therefore we should treat each other with affection and friendship for our welfare.

वनस्य दृश्यं समीपे एवैका नदी वहति। एक: सिंहः सुखेन विश्राम्यते तदैव एकः वानरः आगत्य तस्य पुच्छं धुनाति। क्रुद्धः सिंहः तं प्रहर्तुमिच्छति परं वानरस्तु कूर्दित्वा वृक्षमारूढः। तदैव अन्यस्मात् वृक्षात् अपरः वानरः सिंहस्य कर्णमाकृष्य पुनः वृक्षोपरि आरोहति। एवमेव वानराः वारं वारं सिंहं तुदन्ति। क्रुद्धः सिंहः इतस्ततः धावति, गर्जति परं किमपि कर्तुमसमर्थः एव तिष्ठति। वानराः हसन्ति वृक्षोपरि च विविधा: पक्षिणः अपि सिंहस्य एतादृशीं दशां दृष्ट्वा हर्षमिश्रितं कलरवं कुर्वन्ति।

Hindi Translation:

जंगल का दृश्य है, नजदीक में ही एक नदी बहती है। एक शेर खुशी से आराम कर रहा है तभी एक बंदर आता है और उसकी पूंछ को घुमाता है। क्रोधित शेर ने उस पर हमला करने की कोशिश की लेकिन बंदर उछल कर पेड़ पर चढ़ गया। तभी दूसरे पेड़ से एक और बंदर नीचे आकर शेर का कान खींचता है और वापस पेड़ पर चढ़ जाता है। इसी तरह बंदर (उस) शेर को बार-बार परेशान करते हैं। गुस्से में शेर इधर-उधर दौड़ता है, दहाड़ता है लेकिन कुछ नहीं कर पाता। बंदर हंसते हैं और पेड़ों पर विभिन्न पक्षी शेर की ऐसी दशा देखकर खुशी से कलरव (चहचहाने की शोर) करते हैं।

English Translation:

There is a view of the forest, a river flows nearby. A lion is resting happily. Just then a monkey comes and twirls its tail. The enraged lion tries to attack him. But the monkey jumped up and climbed the tree. Then another monkey comes down from another tree, pulls the lion’s ear, and climbs back on the tree. Similarly, monkeys harass the lion again and again. Angry lion runs here and there, and roars but is unable to do anything. Seeing such conditions of the lion, monkeys laughing and various birds chirping happily in the trees.

निद्राभङ्गदुःखेन वनराजः सन्नपि तुच्छजीवैः आत्मनः एतादृश्या दुरवस्थया श्रान्तः सर्वजन्तून् दृष्ट्वा पृच्छति-
सिंहः – (क्रोधेन गर्जन्) भोः! अहं वनराजः किं भयं न जायते? किमर्थं मामेवं तुदन्ति सर्वे मिलित्वा?
एकः वानरः – यतः त्वं वनराजः भवितुं तु सर्वथाऽयोग्यः। राजा तु रक्षक: भवति परं भवान् तु भक्षकः। अपि च स्वरक्षायामपि समर्थः नासि तर्हि कथमस्मान् रक्षिष्यसि?
अन्यः वानरः – किं न श्रुता त्वया पञ्चतन्त्रोक्तिः –

Hindi Translation:

निद्रा टूटने से दुखी जंगल का राजा होते हुए भी तुच्छ जीवों द्वारा अपनी ऐसी दुर्दशा से थका हुआ सभी जंतुओं को देखकर पूछता है –
सिंह: (गुस्से में गरजते हुए) अरे! मैं जँगल का राजा हूँ क्या डर नहीं उत्पन्न होता? सब मिलकर मुझे ही किसलिए तंग कर रहे हो?
एक बंदर: क्योंकि तुम जंगल के राजा होने के योग्य नहीं हो। राजा तो रक्षक होता है लेकिन तुम तो खाने वाले हो। और अगर आप अपनी रक्षा ही नहीं कर पा रहे हैं, तो आप हमारी रक्षा कैसे कर सकते हैं?
एक और बंदर: क्या आपने पंचतंत्र की कहावत नहीं सुनी है –

English Translation:

Saddened by sleep disturbance, despite being the king of the jungle, tired of his plight by the insignificant creatures, seeing all the animals, he asks –
Lion: (roaring angrily) Oh! I am the king of the jungle. Aren’t you all afraid of me? Why are you troubling me together?
Monkey: Because you don’t deserve to be the king of the jungle. The king is the protector but you are the eater. And if you can’t even protect yourself, how can you protect us?
Another Monkey: Have you not heard the proverb of Panchatantra –

यो न रक्षति वित्रस्तान् पीड्यमानान्परै: सदा।
जन्तून् पार्थिवरूपेण स कृतान्तो न संशयः ॥

अन्वय: य: परै: न वित्रस्तान् पीड्यमानांन् जन्तून् पार्थिवरूपेण सदा न रक्षति स: कृतान्तो न संशयः।

सरलार्थः जो दूसरों के द्वारा संकटग्रस्त और पीड़ित जन्तुओं की राजा होते हुए भी सदा रक्षा नहीं करता है वह मृत्युदूत है इसमें कोई भी संशय नहीं है।

काकः – आम् सत्यं कथितं त्वया- वस्तुतः वनराज: भवितुं तु अहमेव योग्यः।
पिकः – (उपहसन्) कथं त्वं योग्यः वनराजः भवितुं, यत्र तत्र का-का इति कर्कशध्वनिना वातावरणमाकुलीकरोषि। न रूपम्, न ध्वनिरस्ति। कृष्णवर्णम् मेध्यामेध्यभक्षकं त्वां कथं वनराजं मन्यामहे वयम्?
काकः – अरे! अरे! किं जल्पसि? यदि अहं कृष्णवर्णः तर्हि त्वं किं गौराङ्गः? अपि च विस्मर्यते किं यत् मम सत्यप्रियता तु जनानां कृते उदाहरणस्वरूपा-‘अनृतं वदसि चेत् काकः दशेत्’- इति प्रकारेण। अस्माकं परिश्रम: ऐक्यं च विश्वप्रथितम्। अपि च काकचेष्टः विद्यार्थी एव आदर्शच्छात्रः मन्यते।
पिक: – अलम् अलम् अतिविकत्थनेन। किं विस्मर्यते यत-

Hindi Translation:

कौआ: हाँ, तुम सही कह रहे हो- वास्तव में मैं ही अकेला हूँ जो जंगल का राजा बनने के योग्य है।
कोयल: (हँसते हुए) तुम जंगल के राजा योग्य कैसे हो? यहाँ -वहाँ का-का की कर्कश ध्वनि के साथ वातावरण को परेशान करते हो। ना रूप है ना (मधुर) आवाज़। काले रंग वाले पवित्र और अपवित्र भक्षण करने वाले तुम्हें हम कैसे जंगल का राजा मान सकते हैं?
कौवा: अरे! अरे! क्यों ईर्ष्या करती हो? अगर मैं काला हूँ, तो क्या तुम गोरी हो? और क्या तुम भूल गई कि मेरी सत्यप्रियता तो लोगों के लिए उदहारण स्वरुप है –
‘झूठ बोलोगे तो कौआ काटेगा’ हमारी मेहनत और एकता विश्व प्रसिद्ध है। इसके अलावा, काक चेष्टा वाला विद्यार्थी ही आदर्श छात्र माना जाता है।
कोयल:- बस करो, बस करो, बहुत ज्यादा शेखी बघारना। क्या भूल गए कि-

English Translation:

Crow: Yes, you are right – in fact, I am the only one who deserves to be the king of the jungle.
Cuckoo: (laughs) How are you the king of the jungle? You disturb the atmosphere with the hoarse sound of kaka here and there. You have neither a beautiful body nor a sweet voice. How can we consider you as the king of the jungle, the black-colored crow, who eats the holy and the unholy?
Crow: Hey! Hey! Why are you jealous? If I’m black, are you white? And have you forgotten that my truthfulness is an example for people –
“If you tell a lie, the crow will bite”. Our hard work and unity are world-famous. Furthermore, “the student with the best efforts is considered the ideal student”.
Cuckoo: Just do it, just do it, don’t brag too much. Did you forget that-

काकः कृष्णः पिकः कृष्णः को भेदः पिककाकयोः।
वसन्तसमये प्राप्ते काकः काकः पिक: पिकः ॥

अन्वय: काकः कृष्णः पिकः कृष्णः को भेदः पिककाकयोः। वसन्तसमये प्राप्ते काकः काकः पिक: पिकः।

सरलार्थः / Hindi Translation:

कौआ काला होता है तथा कोयल भी काली होती है तो कौआ और कोयल में क्या भेद है ? वसंतसमय आने पर कौआ कौआ होता है और कोयल कोयल होती है।

English Translation:

A crow is black and a cuckoo is also black, so what is the difference between a crow and a cuckoo? When springtime comes, the crow is the crow and the cuckoo is the cuckoo.

काकः – रे परभृत्! अहं यदि तव संततिं न पालयामि तर्हि कुत्र स्युः पिका:? अत: अहम् एव करूणापरः पक्षिसम्राट् काकः ।
गजः – समीपतः एवागच्छन् अरे! अरे! सर्वं सम्भाषणं शृरृण्वन्नेवाहम् अत्रागच्छम्।
अहं विशालकायः, बलशाली, पराक्रमी च। सिंहः वा स्यात् अथवा अन्यः कोऽपि, वन्यपशून् तु तुदन्तं जन्तुमहं स्वशुण्डेन पोथयित्वा मारयिष्यामि। किमन्यः कोऽप्यस्ति एतादृशः पराक्रमी। अतः अहमेव योग्यः वनराजपदाय।
वानरः – अरे! अरे! एवं वा (शीघ्रमेव गजस्यापि पुच्छं विधूय वृक्षोपरि आरोहति।)

Hindi Translation:

कौआ – अरे दूसरे द्वारा पोषित (कोयल) ! अगर मैं तुम्हारे बच्चों को नहीं पालता हूँ, तब कोयल कहाँ होगी? (कोयल, कौआ के घोसले में अंडे देती है, उसके बच्चों के भी काले रंग होने के कारण, कौआ उन्हें अपना ही बच्चा समझ के कुछ दिन पालता है, कोयल दूर से सब देखते रहती है पर जैसे ही बच्चे थोड़े बड़े होते हैं, कोयल कुहू-कुहू की आवाज करके अपने बच्चों को कौआ के घोसले से उड़ा लाती है। यही कौआ कह रहा है कि अगर मैं तुम्हारे संतानों का पोषण न करू, पूरी कोयल प्रजाति ही खत्म हो जाएगी।) अतः मैं ही दयालु पक्षी सम्राट (राजाओं का राजा) कौआ हूँ।
हाथी – करीब आकर, अरे! अरे! सब बातचीत को सुनकर ही यहाँ आया हूँ। मैं विशाल, बलवान और पराक्रमी हूँ। चाहे शेर हो या कोई भी और, जंगली पशुओं को तो आघात करने वाला जन्तु मैं अपने सूण्ड के द्वारा प्रताड़ित करके मार डालूँगा। क्या अन्य कोई भी ऐसा पराक्रमी है? इसलिए मैं ही वनराज पद के लिए योग्य हूँ।
बंदर – अरे! अरे! ऐसा है? (जल्द ही हाथी की पूंछ को हिलाकर पेड़ के ऊपर जाता है।)

English Translation:

Crow – Hey nurtured by others (cuckoo)! If I don’t take care of your children, then where will the cuckoo be? (The cuckoo lays eggs in the crow’s nest, due to the black color of its children, the crow takes care of them as its own child for a few days, and the cuckoo keeps watching everything from a distance. But, as soon as the children grow up a little, The cuckoo brings its children away from the crow’s nest by making a sound of coo-coo. This crow is saying that if I do not nurture your children, the whole cuckoo species will end.) Therefore, I am the kindest bird emperor, the crow.
Elephant – After coming closer, hey! I have come here only after listening to all the talks. I am huge, strong, and mighty. Whether it is a lion or any other animal, I am the one who hurts wild animals, and tortures and kills them with my trunk. Is anyone else so mighty? That’s why I am the only one eligible for the post of ‘Vanraj’.
Monkey – Hey! Hey! Is it so? (Soon wags the elephant’s tail and goes up the tree.)

(गजः तं वृक्षमेव स्वशुण्डेन आलोडयितुमिच्छति परं वानरस्तु कूर्दित्वा अन्यं वृक्षमारोहति। एवं गजं वृक्षात् वृक्षं प्रति धावन्तं दृष्ट्वा सिंह: अपि हसति वदति च)

Hindi Translation:

हाथी उस वृक्ष को ही अपने सूंड से गिराने की ईक्षा करता है लेकिन बन्दर कूदकर अन्य वृक्ष को चढ़ जाता है। इस प्रकार हाथी को वृक्ष से वृक्ष के प्रति दौड़ते देखकर शेर भी हसता है और बोलता है।

English Translation:

The elephant tries to topple that tree with its trunk, but the monkey jumps up and climbs another tree. Seeing the elephant running from tree to tree in this way, the lion also laughs and speaks.

सिंहः – भोः गज! मामप्येवमेवातुदन् एते वानराः।
वानरः – एतस्मादेव तु कथयामि यदहमेव योग्यः वनराजपदाय येन विशालकायं पराक्रमिणं, भयंकरं चापि सिहं गजं वा पराजेतुं समर्था अस्माकं जातिः। अतः वन्यजन्तूनां रक्षायै वयमेव क्षमाः।

(एतत्सर्वं श्रुत्वा नदीमध्यस्थितः एकः बकः)

बकः – अरे! अरे! मां विहाय कथमन्यः कोऽपि राजा भवितुमर्हति। अहं तु शीतले जले बहुकालपर्यन्तम् अविचल: ध्यानमग्नः स्थितप्रज्ञ इव स्थित्वा सर्वेषां रक्षायाः उपायान् चिन्तयिष्यामि, योजनां निर्मीय च स्वसभायां विविधपदमलंकुर्वाणैः जन्तुभिश्च मिलित्वा रक्षोपायान् क्रियान्वितान् कारयिष्यामि, अतः अहमेव वनराजपदप्राप्तये योग्यः।
मयूरः – (वृक्षोपरितः- साट्टहासपूर्वकम्) विरम विरम आत्मश्लाघायाः किं न जानासि यत् –

Hindi Translation:

सिंह – ओ, हाथी! मुझे भी ऐसे ही तंग करते हैं ये बंदर।
बंदर – इसलिए ही तो मैं कहता हूं कि मैं ही योग्य हूँ वन वनराज पद के लिए ही हूं जिसके द्वारा विशालकाय, पराक्रमी और भयंकर शेर अथवा हाथी को भी पराजित/हराने में समर्थ है हमारी जाति। इसलिए वन के जन्तुओं की रक्षा के लिए हम ही सक्षम हैं।

(यह सब सुनकर नदी के बीच में स्थित एक बगुला)

बगुला – अरे! अरे! मुझको छोड़कर कैसे कोई भी अन्य राजा बनने योग्य है। मैं तो शीतल/ठंडे पानी में लंबे वक्त तक (पानी में) स्थिर ध्यान मग्न स्थिर मन वाले की तरह सभी की रक्षा के उपायों को सोचूंगा और योजना को बनाकर अपनी सभा में विविध पदों से अलंकृत जंतुओं के साथ मिलकर रक्षा के उपायों को क्रियान्वित/निष्पादित करूँगा।
मोर – (पेड़ के ऊपर हंसी के साथ) रूको, रूको आत्म-प्रशंसा से (रूको), क्या नहीं जानते हो कि –

English Translation:

Lion – O, elephant! These monkeys also trouble me like this.
Monkey – That’s why I say that I am the only one eligible for the post of forest king, by which our caste is capable of defeating even a giant, mighty and fierce lion or elephant. That’s why we are the only ones capable of protecting the animals of the forest.

(Hearing all this, a heron was swimming in the middle of the river.)

Heron – Hey! Hey! How can anyone else be eligible to be a king except me? I can stay still in cold water for a long time like a meditative person in the water. I will think of ways to protect everyone and after making a plan, I will execute the measures of protection together with animals decorated with various positions in my assembly.
Peacock – (on the tree, with laughter) Stop, stop, stop self-praise, don’t you know that –

यदि न स्यान्नरपतिः सम्यङ्नेता ततः प्रजा।
अकर्णधारा जलधौ विप्लवेतेह नौरिव॥

संधि-विच्छेद – स्यान्नरपतिः = स्यात् + नरपतिः। सम्यङ्नेता = सम्यक् + नेता। विप्लवेतेह = विप्लवेत् + इह। नौरिव = नौ: + इव।

अन्वय: यदि नरपतिः सम्यङ्नेता न स्यात् ततः प्रजा इह अकर्णधारा नौ: इव जलधौ विप्लवेत्।

सरलार्थः यदि राजा ठीक नेता नहीं होगा तो लोग बिना मल्लाह/पतवार की नौका के तरह सागर में डूब जाती है।

English Translation: If the king is not a good leader, then the people sink in the sea like a boat without a helmsman/sailor.

मयूरः – को न जानाति तव ध्यानावस्थाम्। ‘स्थितप्रज्ञ’ इति व्याजेन वराकान् मीनान् छलेन अधिगृह्य क्रूरतया भक्षयसि। धिक् त्वाम्। तव कारणात् तु सर्वं पक्षिकुलमेवावमानितं जातम्।
वानरः – (सगर्वम्) अतएव कथयामि यत् अहमेव योग्यः वनराजपदाय। शीघ्रमेव मम राज्याभिषेकाय तत्पराः भवन्तु सर्वे वन्यजीवाः।
मयूर: – अरे वानर! तुष्णीं भव। कथं त्वं योग्यः वनराजपदाय? पश्यतु पश्यतु मम शिरसि राजमुकुटमिव शिखां स्थापयता विधात्रा एवाहं पक्षिराज: कृतः, अतः वने निवसन्तं मां वनराजरूपेणापि द्रष्टुं सज्जाः भवन्तु अधुना। यतः कथं कोऽप्यन्यः विधातुः निर्णयम् अन्यथाकर्तुं क्षमः।

Hindi Translation:

मोर – कौन नहीं जनता है तुम्हारी ध्यान स्थिति को। ‘न्याय और बुद्धि में दृढ़’ ऐसे ढोंग से बेचारी मछलियों को धोखे से पकड़ कर क्रूरता के साथ खा जाते हो। धिक्कार है तुम्हें/तुमको। तुम्हारे कारण से तो सारा पक्षी परिवार ही अपमानित हुआ है।
बंदर – (गर्व से) इसलिए ही (मैं) कहता हूं कि मैं ही योग्य हूँ वनराज पद के लिए। शीघ्र ही मेरा राज्य अभिषेक के लिए आप सब जंगल के प्राणी तैयार हो जाओ।
मोर – हे वानर ! चुप हो जाओ। कैसे तुम योग्य हो जंगल के राजा के पद के लिए? “देखो देखो, मेरे सिर पर राजमुकुट के समान कलंगी को रखकर भगवान के द्वारा ही मैं पक्षियों का राजा बनाया गया, अत: जंगल में रहते हुए मुझको वनराज रूप में देखने के लिए भी तैयार हो जाओ अब। क्योंकि कैसे कोई भी अन्य विधाता के निर्णय को बदलने के लिए सक्षम है।

English Translation:

Peacock – Who doesn’t know your meditative state? With the pretense of having ‘strong in justice and wisdom’, you catch poor fishes by deceit and eat them with cruelty. Shame on you Because of you, the whole bird family has been humiliated.
Monkey – (proudly) That’s why I say that I am the only one eligible for the post of Vanraj. All you forest animals get ready for the consecration of my kingdom soon.
Peacock – Hey monkey! Shut up How are you eligible for the position of king of the jungle? “Look, look, I have been made the king of the birds by God by placing a crown-like crown on my head, so get ready to see me as a forest king while living in the forest. Because how is anyone else able to change the decision of the Creator?

काकः – (सव्यङ्ग्यम्) अरे अहिभुक्। नृत्यातिरिक्तं का तव विशेषता यत् त्वां वनराजपदाय योग्यं मन्यामहे वयम्।
मयूर: – यतः मम नृत्यं तु प्रकृतेः आराधना। पश्य! पश्य! मम पिच्छानामपूर्वं सौंदर्यम् ( पिच्छानुद्घाट्य नृत्यमुद्रायां स्थितः सन् ) न कोऽपि त्रैलोक्ये मत्सदृशः सुन्दरः। वन्यजन्तूनामुपरि आक्रमणं कर्तारं तु अहं स्वसौन्दर्येण नृत्येन च आकर्षितं कृत्वा वनात् बहिष्करिष्यामि। अतः अहमेव योग्यः वनराजपदाय।
(एतस्मिन्नेव काले व्याघ्रचित्रकौ अपि नदीजलं पातुमागतौ एतं विवादं शृणुतः वदतः च)

Hindi Translation:

कौआ – (व्यंग्यात्मक ढंग से) अरे, साँप खाने वाला। नाचने के अलावा, तुम्हारी क्या विशेषता है कि तुमको वनराज पद के लिए योग्य मानें हम।
मोर – क्योंकि मेरा नृत्य तो प्रकृति की पूजा है। देखो! देखो! मेरी पंखों के अद्‍भुत सौंदर्य को (पंखों को खोलकर नृत्य मुद्रा की स्तिथि में) तीनों लोकों में कोई भी मेरे समान सुन्दर नहीं है। वन के जानवरों के ऊपर आक्रमण करने वाले को तो मैं अपने सौंदर्य के द्वारा और नाचने से आकर्षित करके वन से बाहर कर दूँगा। इसिलए मैं ही योग्य हूँ वनराज पद के लिए।

(उस समय ही, बाघ और चीता भी नदी का पानी पीने के लिए आए (और) इस तकरार को सुनते हैं और कहते हैं -)

English Translation:

Crow – (sarcastically) Hey, snake eater. Apart from dancing, what is your specialty that we should consider you eligible for the post of Vanraj?
Peacock – Because my dance is the worship of nature. See! See! The wonderful beauty of my wings (in the position of dance posture with wings open), no one in the three worlds is as beautiful as me. I will drive the one who attacks the animals of the forest out of the forest by attracting them with my beauty and dancing. That’s why I am the only one eligible for the post of Vanraj.

व्याघ्रचित्रकौ – अरे किं वनराजपदाय सुपात्रं चीयते? एतदर्थं तु आवामेव योग्यौ। यस्य कस्यापि चयनं कुर्वन्तु सर्वसम्मत्या।
सिंहः – तूष्णीं भव भोः। युवामपि मत्सदृशौ भक्षकौ न तु रक्षकौ। एते वन्यजीवाः भक्षकं रक्षकपदयोग्यं न मन्यन्ते अतएव विचारविमर्शः प्रचलति।
बकः – सर्वथा सम्यगुक्तम् सिंहमहोदयेन। वस्तुतः एव सिंहेन बहुकालपर्यन्तं
शासनं कृतम् परमधुना तु कोऽपि पक्षी एव राजेति निश्चेतव्यम् अत्र तु संशीतिलेशस्यापि अवकाशः एव नास्ति।
सर्वे पक्षिणः – (उच्चै:) आम् आम्- कश्चित् खगः एव वनराजः भविष्यति इति।

Hindi Translation:

बाघ (और) चीता – अरे, क्या वनराज पद के लिए अच्छा पात्र चुना जा रहा है? इसके लिए तो हम दोनों ही योग्य हैं। जिस किसी का भी चयन करें, सभी की सम्मति के द्वारा (करें)।
सिंह – अरे चुप हो जाओ। तुम भी मेरी (ही
) तरह भक्षक (खाने वाले) हो, रक्षक तो (हो) नहीं। ये वन्य जीव भक्षक को रक्षक के पद के लायक नहीं मानते हैं (और) इसीलिए ही (यह) विचार-विमर्श चल रही है।
बगुला – पूर्ण रूप से (बिल्कुल) सही कहा शेर महोदय ने। वास्तव में, शेर द्वारा लंबे समय तक शासन किया गया है लेकिन अब तो कोई भी पक्षी ही राजा है (यह) निश्चित होना चाहिए, यहाँ तो जरा सी भी संदेह की जगह ही नहीं है।
सभी पक्षी – (जोर से) हाँ, हाँ, कोई पक्षी ही जंगल का राजा होगा।

English Translation:

Tiger and Cheetah – Hey, is a good character being chosen for the post of Vanraj? We both are eligible for this. Whatever you choose, do it with everyone’s consent.
Lion – Oh, shut up. You are also eaters like me, but you are not protectors. These wild animals do not consider the eater fit for the post of protector and that is why this discussion is going on.
Heron – Absolutely rightly said, Mr. Lion. In fact, the lion has ruled for a long time but now any bird will become the king, it must be certain, and there is no room for doubt here.
All the birds – (loudly) Yes, yes, some bird will be the king of the jungle.

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(परं कश्चिदपि खगः आत्मानं विना नान्यं किमपि अस्मै पदाय योग्यं चिन्तयन्ति तर्हि कथं निर्णय: भवेत् तदा तैः सर्वैः गहननिद्रायां निश्चिन्तं स्वपन्तम् उलूकं वीक्ष्य विचारितम् यदेष: आत्मश्लाघाहीन: पदनिर्लिप्तः उल्को एवास्माकं राजा भविष्यति। परस्परमादिशन्ति च तदानीयन्तां नृपाभिषेकसम्बन्धिन: सम्भारा: इति।)

सर्वे पक्षिणः सज्जायै गन्तुमिच्छन्ति तर्हि अनायास एव-

Hindi Translation:

(परन्तु कोई भी पक्षी अपने को छोड़कर किसी अन्य को इस पद के लिए योग्य समझता (हीं) नहीं, तो कैसे निर्णय होगा तब वे सब के द्वारा गहरी नींद में चैन से सो रहे उल्लू को देखकर विचार किया गया कि यह स्वयं की प्रशंसा (करन से) रहित, पद से वैराग्य/अप्रभावित उल्लू ही हमारा राजा होगा। और तब (वे) एक दूसरे को राजा का अभिषेक सम्बन्धि सामान को लाने का आदेश देते हैं।

सभी पक्षी तैयार होने के लिए जाना चाहते हैं, तब अचानक ही –

English Translation:

(But no bird considers anyone other than itself eligible for this post, then how will it be decided? Then they all looked at the owl sleeping peacefully in deep sleep and thought that this owl would be our king, who is free from self-praise, unaffected by the position. And then, they order each other to bring the things related to the king’s anointing.

All the birds want to go to get dressed, then all of a sudden –

काकः – (अट्टहासपूर्णेन-स्वेरण)-सर्वथा अयुक्तमेतत् यन्मयूर- हंस – कोकिल-चक्रवाक-शुक सारसादिषु पक्षिप्रधानेषु विद्यमानेषु दिवान्धस्यास्य करालवक्त्रस्थाभिषेकार्थं सर्वे सज्जाः। पूर्णं दिनं यावत् निद्रायमाण: एषः कथमस्मान् रक्षिष्यति। वस्तुतस्तु-

Hindi Translation:

कौआ – (जोर से हँसी से भरे हुए स्वर से) यह पूरी तरह से अनुचित है कि मोर-हंस-कोयल-चक्रवाक तोता (और) सारस आदि पक्षी प्रधान के विद्यमान होने पर (भी) इस दिन के अंधे इस भयानक चेहरे वाले उल्लू के अभिषेक के लिए सभी तैयार हैं। पूरे दिन को जो सोए रहता है यह कैसे हमारी रक्षा करेगा। वास्तव में तो –

English Translation:

Crow – (laughing out loud) It is completely unfair that in spite of the presence of birds like “Peacock-Swan-Cuckoo-Parrot and Stork” etc., all the animals are ready for the kingdom consecration of this day-blind, terrifying-faced owl. The one who sleeps the whole day, how will he protect us? in fact so –

स्वभावरौद्रमत्युग्रं क्रूरमप्रियवादिनम्।
उलूकं नृपतिं कृत्वा का नु सिद्धिर्भविष्यति ।॥

अन्वय: – स्वभावरौद्रम् अति उग्रं क्रूरम् अप्रियवादिनम् (च ) (तं) उलूकं नृपतिं कृत्वा नु का सिद्धिम् भविष्यति।

सरलार्थः – स्वभाव रौद्र, अति उग्र, क्रूर (और) अप्रिय बोलने वाला (उस) उल्लू को राजा बनाकर निश्चय ही क्या उपलब्धि होगी।

English Translation – What will certainly be achieved by making that owl, who is dire in nature, very fierce, cruel, and obnoxious speaker, the king?

(ततः प्रविशति प्रकृतिमाता)

प्रकृतिमाता- (सस्नेहम् ) भो: भो: प्राणिन:। यूयम् सर्वे एव मे सन्ततिः। कथं मिथः कलहं
कुर्वन्ति। वस्तुत: सर्वे वन्यजीविनः अन्योन्याश्रिता:। सदैव स्मरत-

Hindi Translation:

(फिर प्रकृति माता प्रवेश करती हैं)

प्रकृति माता – (स्नेह से) अरे, अरे प्राणियों। तुम सभी मेरे ही बच्चे हो। (आप सब) क्यों फालतू का झगड़ा कर रहे हैं? वास्तव में सभी वन्यजीव एक दूसरे पर निर्भर हैं। हमेशा याद रखें-

English Translation:

(Then Mother Nature enters)

Mother Nature – (affectionately) Oh, creatures. You are all my children. Why are you all fighting unnecessarily? In fact, all wild animals are dependent on each other. Always remember-

ददाति प्रतिगृह्णाति, गुह्यमाख्याति पृच्छति।
भुङ्क्ते भोजयते चैव षड्विधं प्रीतिलक्षणम्।।

अन्वय: –ददाति प्रतिगृह्णाति, गुह्यमाख्याति पृच्छति, भुङ्क्ते भोजयते च (एतम्) एव षड्विधं प्रीतिलक्षणम्।

सरलार्थः – देता है, वापस लेता है, राज (रहस्य) बताता है, पूछता है, आनंद लेता है और भोजन कराता है, यह ही छ: प्रीति/प्रेम/प्यार के लक्षण हैं।

English Translation – Gives, takes back, tells secrets, asks, enjoys and feeds, these are the six signs of love.

(सर्वे प्राणिनः समवेतस्वरेण)

मातः! कथयति तु भवती सर्वथा सम्यक् परं वयं भवतीं न जानीमः। भवत्याः परिचयः क: ?

प्रकृतिमाता – अहं प्रकृति: युष्माकं सर्वेषां जननी? यूयं सर्वे एव मे प्रियाः। सर्वेषामेव
मत्कृते महत्त्वं विद्यते यथासमयम् न तावत् कलहेन समयं वृथा यापयन्तु अपितु मिलित्वा एव मोदध्वं जीवनं च रसमयं कुरुध्वम् तद्यथा कथितम्-

Hindi Translation:

(सभी जीव एक स्वर के साथ)

माता! कहती हो तो आप बिल्कुल सही, लेकिन हम आपको नहीं जानते हैं। आपका परिचय क्या है?

प्रकृति माँ – मैं प्रकृति हूँ: तुम सबकी जननी (माता)? तुम सब ही मुझे प्रिय हो। सभी ही मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं जो वक्त है उसे झगड़े के द्वारा समय को बर्बाद न करें बल्कि मिलकर ही जीवन को आनंदित और रसमय करें। उदाहरण के लिए कहा जाता है –

English Translation:

(all creatures in unison)

Mother! You are absolutely right, but we don’t know you. What is your introduction?

Mother Nature – I am Nature: the mother of all of you. You all are dear to me. All are important to me. Don’t waste the time you have by quarreling, but together make life enjoyable and fun. For example, it is said –

प्रजासुखे सुखं राज्ञः, प्रजानां च हिते हितम्।
नात्मप्रियं हितं राज्ञः, प्रजानां तु प्रियं हितम् ॥

अन्वय: प्रजासुखे (हि) राज्ञः सुखं (अस्ति), प्रजानां हिते (हि) (राज्ञः) च हितम्। राज्ञः आत्मप्रियं न हितं तु प्रजानां प्रियं (राज्ञः) हितम्।

सरलार्थः प्रजा के सुख में (ही) राजा का सुख है और प्रजा के कल्याण में ही राजा का कल्याण है। राजा का आत्मप्रिय (होने में) हित/कल्याण नहीं है बल्कि प्रजा के प्रिय में राजा का हित/कल्याण है।

English Translation: The happiness of the king lies in the happiness of the people, and the welfare of the king lies in the welfare of the subjects/people. It is not good for the king to be self-loving, but it is good for the king to be loved by the people.

अपि च –

वैसे भी –

Anyways –

अगाधजलसञ्चारी न गर्वं याति रोहितः ।
अङ्गुष्ठोदकमात्रेण शफरी फुर्फुरायते ॥

शब्दार्थ – अङ्गुष्ठोदकमात्रेण = अङ्गुष्ठ + उदक + मात्रेण अङ्गुष्ठ – अँगूठा (thumb) उदक – पानी (water) मात्रेण – थोड़े से (with little) रोहितः – रोहू मछली (Labeo rohita or rohu fish is a carp that is mostly found in rivers and ponds)

अन्वय: अगाध-जल-सञ्चारी रोहितः गर्वं न याति, अङ्गुष्ठोदकमात्रेण शफरी फुर्फुरायते।

सरलार्थः गहरे पानी में तैरने वाली रोहू मछली घमण्ड नहीं करती है, (जबकि) अँगूठा (के बराबर) थोड़े पानी के साथ शफरी (एक समुद्री मछली जो छोटी और सुनहले रंग की होती है) फुदकती रहती है।

English Translation: The Rohu fish that swims in deep water does not boast, while the merry fish continues on hopping with a little water that is about the size of a thumb.

अत: भवन्तः सर्वेऽपि शफरीवत् एकैकस्य गुणस्य चर्चां विहाय, मिलित्वा प्रकृतिसौन्दर्याय वनरक्षायै च प्रयतन्ताम्। सर्वे प्रकृतिमातरं प्रणमन्ति मिलित्वा दृढसंकल्पपूर्वकं च गायन्ति-

Hindi Translation:

अत: आप सब भी शफरी (एक समुद्री मछली जो छोटी और सुनहले रंग की होती है) की तरह एक-एक के गुण की चर्चा छोड़कर, मिलकर प्रकृति की सुंदरता के लिए और वन रक्षा के लिए प्रयत्न करें। सभी प्रकृति माँ को प्रणाम करते हैं और मिलकर दृढ़ संकल्प पूर्वक गाते हैं –

English Translation:

Therefore, all of you should try together for the beauty of nature and for the protection of forests, leaving aside the discussion of each other’s virtues like Shafri (a marine fish that is small and golden in color). All bow down to Mother Nature and together sing with determination –

प्राणिनां जायते हानिः परस्परविवादत:।
अन्योन्यसहयोगेन लाभस्तेषां प्रजायते ॥

संधि-विच्छेद – लाभस्तेषांलाभ: + तेषां

अन्वय: परस्पर-विवादत: प्राणिनां हानिः जायते, अन्योन्यसहयोगेन तेषां लाभ: प्रजायते।

सरलार्थः आपसी झगड़े से प्राणियों की हानी होती है, एक दूसरे के सहयोग के द्वारा उनका फ़ायदा होता है।

English Translation: Mutual squabbles harm living beings while mutual cooperation benefits them.

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