CBSE Ruchira Bhag 3 – Class 8 Sanskrit Chapter 9-सप्तभगिन्यः- translation in Hindi (Hindi Anuvad), हिंदी अनुवाद, Hindi meaning, Hindi arth, Hindi summary, English Translation, and English Summary are provided here. That Means, word meanings (शब्दार्थ:), अन्वयः, सरलार्थ, are given for the perfect explanation of Ruchira भाग 1 – Sanskrit Class 8 Chapter 9-सप्तभगिन्यः |
Translation in Hindi & English (Meaning/Arth/Anuvad)
नवमः पाठः
सप्तभगिन्यः
[‘सप्तभगिनी’ यह एक उपनाम है। उत्तर- पूर्व के सात राज्य विशेष को उक्त उपाधि दी गयी है। इन राज्यों का प्राकृतिक सौन्दर्य अत्यन्त विलक्षण है। इन्हीं के सांस्कृतिक और सामाजिक वैशिष्ट्य को ध्यान में रखकर प्रस्तुत पाठ का सृजन किया गया है।] विशेष रूप से इस पाठ में प्रत्यय का उपयोग किया गया है।]
अध्यापिका – सुप्रभातम्।
छात्रा: -सुप्रभातम्। सुप्रभातम्।
अध्यापिका – भवतु। अद्य किं पठनीयम्?
छात्रा: – वयं सर्वे स्वदेशस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छामः।
अध्यापिका – शोभनम्। वदत। अस्माकं देशे कति राज्यानि सन्ति?
सायरा – चतुर्विंशतिः महोदये!
अध्यापिका – सुप्रभात।
छात्र लोग – सुप्रभात। सुप्रभात।
अध्यापिका – हां जी । आज क्या पढ़ना चाहिए?
छात्र लोग – हमलोग सभी, अपने देश के राज्यों के विषय में जानने को इक्षुक हैं।
अध्यापिका – अच्छा। बोलो। हमारे देश में कितने राज्य हैं ?
सायरा – चौबीस, शिक्षिका!
Note: 🔴अनीयर् (प्रत्यय) – चाहिए सन्दर्भ में । पठनीयम् – पढ़ना चाहिए ।
सिल्वी – न हि न हि महाभागे! पञ्चविंशति: राज्यानि सन्ति।
अध्यापिका – अन्य: कोऽपि….?
स्वरा – (मध्ये एव) महोदये! मे भगिनी कथयति यदस्माकं देशे
नवविंशति: राज्यानि सन्ति। एतदतिरिच्य सप्त केन्द्रशासितप्रदेशाः अपि सन्ति।
अध्यापिका – सम्यग्जानाति ते भगिनी । भवतु, अपि जानीथ यूयं यदेतेषु राज्येषु सप्तराज्यानाम् एक: समवायोऽस्ति य: सप्तभगिन्यः इति नाम्ना प्रथितोऽस्ति।
सिल्वी – नहीं, नहीं दोस्त, पच्चीस राज्य हैं।
अध्यापिका – और कोई….?
स्वरा – (बीच में ही) शिक्षिका मेरी बहन कहती है कि हमारे देश में उन्तीस राज्य हैं । इसके अतिरिक्त सात केंद्रशासित प्रदेश भी है।
अध्यापिका – सही जानती है तुम्हारी बहन । अच्छा, तुम जानते हो भी कि उन राज्यों में सात राज्यों का एक संघ है जो सात-बहन के नाम से प्रसिद्ध है।
सर्वे – ( साश्चर्यम् परस्परं पश्यन्तः) सप्तभगिन्यः? सप्तभगिन्य:?
निकोलसः – इमानि राज्यानि सप्तभगिन्यः इति किमर्थं कथ्यन्ते?
अध्यापिका – प्रयोगोऽयं प्रतीकात्मको वर्तते। कदाचित् सामाजिक-सांस्कृतिक-परिदृश्यानां साम्याद् इमानि उक्तोपाधिना प्रथितानि ।
समीक्षा – कौतूहलं में न खलु शान्तिं गच्छति, श्रावयतु तावद् यत् कानि तानि राज्यानि?
सभी – ( आश्चर्य के साथ एक दूसरे को को देखते हुए ) सात बहने? सात बहने?
निकोलस – ये राज्य सात-बहन किसलिए कहे जाते हैं?
अध्यापिका – यह प्रयोग सांकेतिक बताया गया है। सम्भवत: सामाजिक-सांस्कृतिक-परिदृश्यानां साम्याद् इमानि उक्तोपाधिना प्रथितानि ।
समीक्षा – कौतूहलं में न खलु शान्तिं गच्छति, श्रावयतु तावद् यत् कानि तानि राज्यानि?
अध्यापिका – शृणुत!
अद्वयं मत्रयं चैव न-त्रि -युक्तं तथा द्वयम्।
सप्तराज्यसमूहोऽयं भगिनीसप्तकं मतम्।।
इत्थं भगिनीसप्तके इमानि राज्यानि सन्ति-अरुणाचलप्रदेशः, असमः, मणिपुरम्, मिजोरम:, मेघालयः, नगालैण्ड:, त्रिपुरा चेति। यद्यपि क्षेत्रपरिमाणैः इमानि लघूनि वर्तन्ते तथापि गुणगौरवदृष्ट्या बृहत्तराणि प्रतीयन्ते।
अध्यापिका – सुनो!
अ से शुरू होने वाले दो (अरुणाचलप्रदेश, असम), म से शुरू होने वाले तीन (मणिपुर, मिजोरम, मेघालय) तथा न (नगालैण्ड) और त्रि (त्रिपुरा) से शुरू होने वाले दो ये सात राज्यों का समूह ‘सात बहन’ के नाम से माना गया है।
इस प्रकार बहन सात में ये राज्य हैं – अरुणाचलप्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नगालैण्ड और त्रिपुरा। यद्यपि क्षेत्रफल से (के अनुसार) ये छोटे हैं फिर भी गुण गौरव की दृष्टि से बड़े प्रतीत होते हैं।
सर्वे – कथम्? कथम्?
अध्यापिका – इमा: सप्तभगिन्यः स्वीये प्राचीनेतिहासे प्रायः स्वाधीना: एव दृष्टा:। न केनापि शासकेन इमाः स्वायत्तीकृता:। अनेक-संस्कृति-विशिष्टायां भारतभूमौ एतासां भगिनीनां संस्कृति: महत्त्वाधायिनी इति।
तन्वी – अयं शब्द: सर्वप्रथमं कदा प्रयुक्त:?
अध्यापिका – श्रुतमधुरशब्दोऽयं सर्वप्रथमं विगतशताब्दस्य द्विसप्ततितमे वर्षे त्रिपुराराज्यस्योद्घाटनक्रमे केनापि प्रवर्तितः। अस्मन्नेव काले एतेषां राज्यानां पुन: सङ्घटनं विहितम्।
स्वरा – अन्यत् किमपि वैशिष्ट्यमस्ति एतेषाम्?
सभी – कैसे? कैसे?
अध्यापिका – ये सात बहन अपने पुराने इतिहास में इमा: सप्तभगिन्यः स्वीये प्राचीनेतिहासे प्रायः आज़ाद ही दिखे हैं। कोई भी शाशक के द्वारा ये अधीन नहीं किए गए हैं। अनेक संस्कृतियों के द्वारा विशिष्ट भारत भूमि में इन बहनों की संस्कृति महत्वपूर्ण है।
तन्वी – इस शब्द का सर्वप्रथम कब प्रयोग हुआ ?
अध्यापिका – सुनने में मधुर लगने वाला यह शब्द सर्वप्रथमं विगत शताब्दी के बहत्तरवें वर्ष में त्रिपुरा राज्य के उद्घाटन क्रम में किसी ने प्रयोग किया। इस वक्त ही इन राज्यों का फिर से गठन किया गया।
स्वरा – दूसरी कोई भी विशेषता है इनकी?
अध्यापिका – नूनम् अस्ति एव। पर्वत-वृक्ष-पुष्प-प्रभृतिभि: प्राकृतिकसम्पद्भिः सुसमृद्धानि सन्ति इमानि राज्यानि। भारतवृक्षे च पुष्प-स्तबकसदृशानि विराजन्ते एतानि।
राजीवः – भवति! गृहे यथा सर्वाधिका रम्या मनोरमा च भगिनी भवति तथैव भारतगृहेऽपि सर्वाधिका: रम्या: इमाः सप्तभगिन्यः सन्ति।
अध्यापिका – अवश्य ही है। पर्वत, वृक्ष तथा पुष्प आदि से, प्राकृतिक सम्पदाओं से
समृद्ध हैं ये राज्य। और ये भारत रूपी वृक्ष पर, फूलों के गुच्छों के जैसे हैं।
राजीवः – ठीक है! घर में जैसे बहन सबसे अधिक रमणीय और मनोरम होती है,
उसी प्रकार भारत रूपी घर में सबसे अधिक रमणीय ये सात बहन हैं।
अध्यापिका – मनस्यागता ते इयं भावना परमकल्याणमयी परं सर्वे न तथा अवगच्छन्ति। अस्तु, अस्ति तावदेतेषां विषये किञ्चिद् वैशिष्ट्यमपि कथनीयम्। सावहितमनसा श्रृणुत-
जनजातिबहुलप्रदेशोऽयम्। गारो-खासी-नगा-मिजो-प्रभृतयः बहवः जनजातीया: अत्र निवसन्ति। शरीरेण ऊर्जस्वन: एतत्प्रादेशिकाः बहुभाषाभिः समन्विताः, पर्वपरम्पराभिः परिपूरिताः, स्वलीला-कलाभिश्च निष्णाताः सन्ति।
अध्यापिका – मन में आयी हुई ये भावना बहुत कल्याणकारी है लेकिन सभी ऐसा नहीं सोचते हैं । हां () इनके विषय में कुछ विशिष्टता भी बोलनी चाहिए। सचेत मन से सुनो –
यह प्रदेश जनजाति प्रचुर है। गारो, खासी, नगा, मिजो, आदि जैसी विविन्न जनजातियाँ यहाँ रहती हैं। शरीर से ताकत से भरे हुए इन राज्यों के निवासी बहुत भाषाओं से निहित, पर्व के परम्पराओं से परिपूर्ण, अपनी क्रिया और कला से दक्ष (माहिर) हैं।
मालती – महोदये! तत्र तु वंशवृक्षा अपि प्राप्यन्ते?
अध्यापिका – आम्। प्रदेशेऽस्मिन् हस्तशिल्पानां बाहुल्यं वर्तत। आवस्त्राभूषणेभ्यः गृहनिर्माणपर्यन्तं प्राय: यतो हि अत्र वंशवृक्षाणां प्राचुर्यं विद्यते। साम्प्रतं वंशोद्योगोऽयं
अन्ताराष्ट्रियख्यातिम् अवाप्तोऽस्ति।
अभिनवः – भगिनीप्रदेशोऽयं बह्वाकर्षक: इति प्रतीयते।
वंशवृक्षनिर्मितानां वस्तूनाम् उपयोग: क्रियते।
सलीमः – किं भ्रमणाय भगिनीप्रदेशोऽयं समीचीन: ?
सर्वे छात्राः – (उच्चै:) महोदये! आगामिनि अवकाशे वयं तत्रैव गन्तुमिच्छामः।
स्वरा – भवत्यपि अस्माभिः साद्ध चलतु।
अध्यापिका – रोचते मेऽयं विचार:। एतानि राज्यानि तु भ्रमणार्थं स्वर्गसदृशानि इति।
मालती – मैडम! वहाँ तो बाँस के वृक्ष भी प्राप्त होते हैं ? अध्यापिका – हाँ। इस राज्य में हस्तशिल्पों की प्रचुरता है। कपड़े और आभूषणों से लेकर घरों के निर्माण तक आमतौर पर बाँस के पेड़ से बनी हुई वस्तुओं का निर्माण किया जाता है क्यूँकि यहाँ बांस के पेड़ प्रचुर मात्रा में हैं। अब यह बाँस का व्यापार
अंतरराष्ट्रीय ख्याति (प्रसिद्धि) को प्राप्त हो चुका है।
अभिनव – यह बहनों का राज्य अत्यधिक आकर्षक प्रतीत होता है।
सलीम – क्या घूमने के लिए यह बहनों का प्रदेश उचित है?
सभी छात्र – (चिल्ला कर) मैडम ! आने वाली छुट्टी में हम लोग वहाँ ही जाना चाहते हैं।
स्वरा – आप भी हमारे साथ चलिए।
अध्यापिका – अच्छा लगता है। मुझे यह विचार ये राज्य तो घूमने के लिए स्वर्ग के सामान है।
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Sanskrit Grammar Class 8
THE END
English translation please
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Kitni acchi Sanskar hai
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Sirji ek request h abhi jk nya 10th chapter h uska translation bhej do
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Yess…offcourse…some words are really difficult..but thanks fo give me a translation….
Bhai sahan😂😂 gussa bhi aa raha hai or hasi bhi ki adhi hindi gayab hai
Sahi bola beta🙃
We need English translation of the chapter
Super
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बहुत अच्छा है।
Thank you
Good but aapka jo handwritten wala format h wo jyada better h ek ek word meaning with sanskrit sentence h. Y to mujhe bhi samjh nhi aaya
bakwas hmne to hindi translation krke google search kiya aur ye website poora sanskrit me hi bta rhi he …………………..
I DIDNT LIKETHIS WEBSITE…………….
Sorry, Actually ye process me h, av kaam chal rha hai.
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exactly and sometimes they hav*n’t replaced the Sanskrit chapter with the Hindi translation.
Shut up your mouth
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