निबंध से
प्रश्न 1. बाँस को बूढ़ा कब कहा जा सकता है? युवा बाँस में कौन सी विशेषता होती है जो बूढ़े बाँस में नहीं पाई जाती?
उत्तर- तीन साल या इससे अधिक उम्र वाले बाँस को बूढ़ा कहा जाता है। बूढ़ा बांस अत्यंत सख्त होता है जिससे वह आसानी से टूट जाता है। युवा बांस लचीला अथवा मुलायम होता है जो आसानी से नहीं टूटता है।
प्रश्न 2. बाँस से बनाई जाने वाली चीजों में सबसे आश्चर्यजनक चीज़ तुम्हें कौन सी लगी और क्यों?
उत्तर- बांस से बहुत सारी वस्तुएं बनाई जाती है, जैसे- टोकरी, चटाई, टेबल लैंप, आदि। ये सभी विभिन्न प्रकार के बने आकृति वाले वस्तुएं आश्चर्यजनक लगते हैं। ये सभी वस्तुएं बहुत ही उपयोगी होते है तथा मेहनत से बनाये जाते है।
छात्र स्वयं भी करें।
प्रश्न 3. बाँस की बुनाई मानव के इतिहास में कब आरंभ हुई होगी?
उत्तर- माना जाता है कि मानव और बाँस की बुनाई का रिश्ता उस दौर से है, जब मानव भोजन इकट्ठा करता था। शायद भोजन इकट्ठा करने के लिए एक छोटी टोकरी की आवश्यकता रही हो, तभी उसने बाँस की बुनाई से डलिया बनाई होगी। इसी प्रकार बनाते-बनाते बाद में वह कलात्मक वस्तुएँ बनाने लगा होगा।
प्रश्न 4. बाँस के विभिन्न उपयोगों से संबंधित जानकारी देश के किस भू-भाग के संदर्भ में दी गई है? एटलस में देखो।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
निबंध से आगे
प्रश्न 1. बाँस के कई उपयोग इस पाठ में बताए गए हैं लेकिन बाँस के उपयोग का दायरा बहुत बड़ा है। नीचे दिए गए शब्दों की मदद से तुम इस दायरे को पहचान सकते हो-
संगीत
मच्छर
फर्नीचर
प्रकाशन
एक नया संदर्भ
उत्तर-
संगीत – बाँस के बने वाद्य यंत्र जैसे – बाँसुरी, शहनाई आदि।
मच्छर – आज भी लोगों को मच्छरदानी लगाने के लिए बाँसों की आवश्यकता होती है।
फर्नीचर – बाँस से फ़र्नीचर बनाया जाता है।
प्रकाशन – प्रकाशन के लिए बाँस से कागज, बुरादा किताब आदि बनाया जाता है।
एक नया संदर्भ – बाँस से खिलौने, मकान, वाद्य यंत्र आदि भी बनाया जाता है।
प्रश्न 2. इस लेख में दैनिक उपयोग की चीजें बनाने के लिए बाँस का उल्लेख प्राकृतिक संसाधन के रूप में हुआ है। नीचे दिए गए प्राकृतिक संसाधनों से दैनिक उपयोग की कौन-कौन सी चीजें बनाई जाती हैं-
प्राकृतिक संसाधन दैनिक उपयोग की वस्तुएँ
• चमड़ा …………………………….
• घास के तिनके …………………………….
• पेड़ की छाल …………………………….
• गोबर …………………………….
• मिट्टी …………………………….
इनमें से किन्हीं दो प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए कोई एक चीज़ बनाने का तरीका अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर-
प्राकृतिक संसाधन दैनिक उपयोग की वस्तुएँ
चमड़ा जूता, बैग, पर्स, बेल्ट आदि।
घास के तिनके चटाई, खिलौना, टोकरी आदि।
पेड़ की छाल कागज़, अगरबत्ती, वस्त्र आदि ।
गोबर उपले, घर की लिपाई-पुताई, खाद, आदि
मिट्टी मूर्ति, मकान, बर्तन आदि।
प्रश्न 3. जिन जगहों की साँस में बाँस बसा है, अखबार और टेलीविज़न के ज़रिए उन जगहों की कैसी तसवीर तुम्हारे मन में बनती है?
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
अनुमान और कल्पना
इस पाठ में कई हिस्से हैं जहाँ किसी काम को करने का तरीका समझाया गया है; जैसेछोटी मछलियों को पकड़ने के लिए इसे पानी की सतह पर रखा जाता है या फिर धीरे-धीरे चलते हुए खींचा जाता है। बाँस की खपच्चियों को इस तरह बाँधा जाता है कि वे शंकु का आकार ले लें। इस शंकु का ऊपरी सिरा अंडाकार होता है। निचले नुकीले सिरे पर खपच्चियाँ एक-दूसरे में गुँथी हुई होती हैं।
इस वर्णन को ध्यान से पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर अनुमान लगाकर दो। यदि अंदाज लगाने में दिक्कत हो तो आपस में बातचीत करके सोचो-
प्रश्न
(क) बाँस से बनाए गए शंकु के आकार का जाल छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए ही क्यों इस्तेमाल किया जाता है?
उत्तर- शंकु के आकार वाले जाल में से पानी आसानी से निकल जाता है और मछलियां इसके छिद्रों से बाहर नहीं निकल पाती हैं। जबकि अन्य प्रकार के जाल से छोटी मछलियाँ अपने आकार के कारण सरलतापूर्वक निकल जाती हैं, इसलिए कु के आकार के जाल का उपयोग किया जाता है जिससे मछली इसके तल में रह जाती हैं और उछलकर बाहर नहीं आ पाती हैं।
(ख) शंकु का ऊपरी हिस्सा अंडाकार होता है तो नीचे का हिस्सा कैसा दिखाई देता है?
उत्तर- शंकु का ऊपरी हिस्सा अंडाकार होता है और नीचे का हिस्सा वृत्ताकार दिखाई देता है।
(ग) इस जाल से मछली पकड़ने वालों को धीरे-धीरे क्यों चलना पड़ता है?
उत्तर- इस जाल से मछली पकड़ने वालों को धीरे-धीरे चलना परता है क्योंकि जाल में अधिक मछलियाँ होती है और उसके भाड़ के वजह से जाल टूटने का दर बना रहता है। इस तरह धीरे-धीरे चलकर जाल को खींचा जाता है जिससे आसानी से मछलियाँ भी फस जाए और जाल को नुकसान भी नहीं होता है।
शब्दों पर गौर
हाथों की कलाकारी घनघोर बारिश बुनाई का सफ़र आड़ा-तिरछा डलियानुमा कहे मुताबिक
इन वाक्यांशों का वाक्यों में प्रयोग करो-
हाथों की कलाकारी
घनघोर बारिश
बुनाई का सफ़र
आड़ा-तिरछा
डलियानुमा
कहे मुताबिक
उत्तर-
हाथों की कलाकारी – भास्कर की हाथों की कलाकारी सच में अद्भुत है।
घनघोर बारिश – आज पुरे बिहार में सुबह से घनघोर बारिश हो रही है।
बुनाई का सफ़र – राम का बुनाई का सफर 15 साल पुराना है।
आड़ा-तिरछा – बाँसों को आड़ा-तिरछा आकार देकर ही अद्भुत वस्तुएं बनाई जाती है।
डलियानुमा – भास्कर के पास बहुत सारी डलियानुमा बर्तन तथा टोकरी है।
कहे मुताबिक – भास्कर के कहे मुताबिक मैंने सारा काम अच्छे से कर लिया।
व्याकरण
प्रश्न 1. ‘बनावट’ शब्द ‘बुन’ क्रिया में ‘आवट’ प्रत्यय जोड़ने से बनता है। इसी प्रकार नुकीला, दबाव, घिसाई भी मूल शब्द में विभिन्न प्रत्यय जोड़ने से बने हैं। इन चारों शब्दों में प्रत्ययों को पहचानो और उनसे तीन-तीन शब्द और बनाओ। इन शब्दों का वाक्यों में भी प्रयोग करो-
बुनावट
नुकीला
दबाव
घिसाई
उत्तर-
(i) बुनावट – बुन + आवट
सजावट – भास्कर ने अपने घर की सजावट बहुत अच्छे से की है।
लिखावट – भास्कर की लिखावट बहुत अच्छी है।
मिलावट – दुकानदार सामान में मिलावट करते है।
(ii) नुकीला – नुक + ईला
जहरीला – मेरे घर में बहुत ही जहरीला सांप था।
नशीला – यह शराब बहुत नशीला है।
बर्फीला – भास्कर को बर्फीला जगह बेहद पसंद है।
(iii) दबाव – दब + आव
बहाव – गंगा नदी के पानी का बहाव बहुत तेज है।
सुझाव – भास्कर का सुझाव बहुत अच्छा रहता है।
ठहराव – मेरे जीवन में ठहराव आ गया है।
(iv) घिसाई – घिस + आई
सफ़ाई – भास्कर को साफ-सफाई पसंद है।
पढ़ाई – भास्कर को पढाई करना बहुत अच्छा लगता है।
भलाई – राम हमेशा लोगों की भलाई के लिए सोचता है।
प्रश्न 2. नीचे पाठ से कुछ वाक्य दिए गए हैं-
(क) वहाँ बाँस की चीज़ें बनाने का चलन भी खूब है।
(ख) हम यहाँ बाँस की एक-दो चीज़ों का ही ज़िक्र कर पाए हैं।
(ग) मसलन आसन जैसी छोटी चीज़ें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है।
(घ) खपच्चियों से तरह-तरह की टोपियाँ भी बनाई जाती हैं।
रेखांकित शब्दों को ध्यान में रखते हुए इन बातों को अलग ढंग से लिखो।
उत्तर-
(क) वहाँ बाँस की चीज़ें बनाने का परंपरा भी खूब है।
(ख) हम यहाँ बाँस की एक-दो चीज़ों की ही चर्चा कर पाए हैं।
(ग) कुछ उदहारण के लिए आसन जैसी छोटी चीज़ें बनाने के लिए बाँस को प्रत्येक गठान से काटा जाता है।
(घ) खपच्चियों से बहुत प्रकार की टोपियाँ भी बनाई जाती हैं।
प्रश्न 3. तर्जनी हाथ की किस उँगली को कहते हैं? बाकी उँगलियों को क्या कहते हैं? सभी उँगलियों के नाम अपनी भाषा में में पता करो और कक्षा में अपने साथियों और शिक्षक को बताओ।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 4. अंगुष्ठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा, ये पाँच उँगलियों के नाम हैं। इन्हें पहचानकर सही क्रम में लिखो।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।