पाठ से
प्रश्न 1. यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने अथक प्रयास क्यों किया? लिखिए।
उत्तर- यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने अथक प्रयास किया क्योंकि वह किसी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था, उसे पोलियो था। वह अपने बीमारी के वजह से अत्यंत कमजोर था तथा उसका हाथ-पैर इतना कमज़ोर था कि वह पहली सीढ़ी पर भी बिना सहारे के नहीं चढ़ पाता था।
प्रश्न 2. दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। दोनों में क्या अंतर रहे? लिखिए।
उत्तर- अन्तत: यासुकी-चान तथा तोत्तो चान दोनों को पेड़ पर चढ़ने में सफलता मिली परन्तु दोनों की सफलता का अनुभव अलग-अलग था। यासुकी-चान का लक्ष्य पेड़ पर चढ़ना थाजबकि तोत्तो चान का उद्देश्य यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाना था। इस कठिन समय में उसे सच्ची मित्रता का एहसास भी हुआ। दोस्त को खुश देखकर तोत्तो चान को एक अलग प्रकार की ख़ुशी का अनुभव हुआ।
प्रश्न 3. पाठ में खोजकर देखिए-कब सूरज का ताप यासुकी-चान और तोत्तो-चान पर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तरबतर हो रहे थे और कब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। आपके अनुसार, इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण क्या हो सकता है?
उत्तर– पहली सीढ़ी से यासुकी-चान का पेड़ पर चढ़ने का प्रयास जब असफल हो गया तब तोत्तो-चान तिपाई-सीढी खींचकर लाई। उस वक़्त सूरज का ताप उन पर पड़ रहा था। उन्हें काफ़ी पसीना आ रहा था, दोनों तेज़ धूप में पसीने से तरबतर हो रहे थे। उसी समय बादल का बड़ा टुकड़ा बीच-बीच में छाया दे कर उन्हें कड़-कड़ाती धूप से बचा रहा था। यह मौसम का बदलता रूप था या शायद प्रकृति को उनपर दया आ गई थी।
प्रश्न 4. ‘यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह………अंतिम मौका था।’ इस अधूरे वाक्य को पूरा कीजिए और लिखकर बताइए कि लेखिका ने ऐसा क्यों लिखा होगा?
उत्तर- यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह पहला और अंतिम मौका था। लेखिका ने ऐसा इसलिए लिखा होगा क्योंकि यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह पहला और अंतिम मौका था। लेखिका ने ऐसा इसलिए लिखा होगा क्योंकि यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ जाना असंभव था, वह पोलियो से ग्रस्त था। वह अपने बल पर पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था, और कोई भी हमेशा झूठ बोलकर इतना मेहनत से, जोखिम उठाकर मदद नहीं कर सकता है।
पाठ से आगे
प्रश्न 1. तोत्तो-चान ने अपनी योजना को बड़ों से इसलिए छिपा लिया कि उसमें जोखिम था, यासुकी-चान के गिर जाने की संभावना थी। फिर भी उसके मन में यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने की इच्छा थी। ऐसी दृढ़ इच्छाएँ बुधि और कठोर परिश्रम से अवश्य पूरी हो जाती हैं। आप किस तरह की सफलता के लिए तीव्र इच्छा और वृद्धि का उपयोग कर कठोर परिश्रम करना चाहते हैं?
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2. हम अकसर बहादुरी के बड़े-बड़े कारनामों के बारे में सुनते रहते हैं, लेकिन ‘अपूर्व अनुभव’, कहानी एक मामूली बहादुरी और जोखिम की ओर हमारा ध्यान खींचती है। यदि आपको अपने आसपास के संसार में कोई रोमांचकारी अनुभव प्राप्त करना हो तो कैसे प्राप्त करेंगे?
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. अपनी माँ से झूठ बोलते समय तोत्तो-चाने की नज़रें नीचे क्यों थीं?
उत्तर- अपनी माँ से झूठ बोलते समय तोत्तो-चाने की नज़रें नीचे थी क्योंकि वह सब जानते हुए भी यासुकी-चान को अपने पेड़ पर आमंत्रित किया था, उसे मालूम था कि माँ यह जोखिम भरा कार्य नहीं करने देगी।जब माँ ने उससे पूछा कि वह कहाँ जा रही है तो उसने कहा कि वह यासुकी-चान से मिलने उसके घर जा रही है जबकि वह यासुकी-चान को पेड़ पर चढाने जा रही थी। उसकी नज़रें नीचे थीं क्योंकि वह माँ से झूठ बोल रही थी।
प्रश्न 2. यासुकी-चान जैसे शारीरिक चुनौतियों से गुजरने वाले व्यक्तियों के लिए चढ़ने-उतरने की सुविधाएँ हर जगह नहीं होतीं। लेकिन कुछ जगहों पर ऐसी सुविधाएँ दिखाई देती हैं। उन सुविधा वाली जगहों की सूची बनाइए।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
भाषा की बात
प्रश्न 1. द्विशाखा शब्द दिव और शाखा के योग से बना है। दिव का अर्थ है-दो और शाखा का अर्थ है-डाल। विशाखा पेड़ के तने का वह भाग है जहाँ से दो मोटी-मोटी डालियाँ एक साथ निकलती है। द्वि की भाँति आप त्रि से बनने वाला शब्द त्रिकोण जानते होंगे। ‘त्रि’ का अर्थ होता है तीन। इस प्रकार चार, पाँच, छह, सात, आठ, नौ और संख्यावाची संस्कृत शब्द उपयोग में अक्सर आते हैं। इन संख्यावाची शब्दों की जानकारी प्राप्त कीजिए और देखिए कि वह क्या इन शब्दों की ध्वनियाँ अंग्रेज़ी संख्या के नामों से कुछ-कुछ मिलती-जुलती हैं, जैसे- हिंदी-आठ संस्कृति-अष्ट, अंग्रेज़ी एट।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2. पाठ में ‘ठिठियाकर हँसने लगी’, ‘पीछे से धकियाने लगी’ जैसे वाक्य आए हैं। ठिठियाकर हँसने के मतलब का आप अवश्य अनुमान लगा सकते हैं। ठी-ठी-ठी हँसना या ठठा मारकर हँसना बोलचाल में प्रयोग होता है। इनमें हँसने की ध्वनि के एक खास अंदाज को हँसी का विशेषण बना दिया गया है। साथ ही ठिठियाना और धकियाना शब्द में ‘आना’ प्रत्यय का प्रयोग हुआ है। इस प्रत्यय से फ़िल्माना शब्द भी बन जाता है। ‘आना’ प्रत्यय से बननेवाले चार सार्थक शब्द लिखिए।
उत्तर-
बहाना – बह + आना
चलना – चल + आना
जुर्माना – जुर्म + आना
आदि।
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