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Hindi – Class 7 – Chapter 17 – वीर कुवर सिंह – NCERT Exercise Solution (Question-Answer)

निबंध से

प्रश्न 1. वीर कुंवर सिंह के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया?

उत्तर- वीर कुँवर सिंह के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं जो हमें प्रभावित करती हैं-
1 . वीर कुँवर सिंह एक अत्यंत साहसी व्यक्ति थे। इनका साहस ही था कि उन्होंने अंग्रेज़ों के दाँत खट्टे कर दिए थे।
2 . वे अत्यधिक उदार स्वभाव के थे। किसी प्रकार का कोई जातिगत भेदभाव उनमें न था।
3 . उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन देश की सेवा में समर्पित किया।
4 . उनके हृदय में देश के प्रति इतनी श्रद्धा थी कि उन्होंने अंतिम पलों में इतने वृद्ध हो जाने पर भी सदैव युद्ध हेतु तत्पर रहते थे।
5 . एक वीर सिपाही के साथ-साथ वे एक कुशल समाज सेवक भी थे। उन्होंने कई पाठशालाओं, कुओं व तालाबों का निर्माण करवाया। वे निर्धनों एवं जरूरतमंद की सदा सहायता करते थे।
6 . कुँवर सिंह बुद्धिमान एवं चतुर थे। अपनी चतुरता व सूझबूझ के कारण ही एक बार कुँवर सिंह ने अंग्रेज़ो को मूर्ख बना दिया था। उनको गंगा पार करनी थी पर अंग्रेज़ी सरकार उनके पीछे लगी थी। उनसे बचने के लिए उन्होंने ये अफ़वाह उड़ा दी कि वे बलिया से हाथियों पर अपनी सेना के साथ नदी पार करेंगे परन्तु किया इसका उल्टा उन्होंने शिवराजपुर से नदी पार कर ली।

प्रश्न 2. कुंवर सिंह को बचपन में किन कामों में मज़ा आता था? क्या उन्हें उन कामों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में कुछ मदद मिली?

उत्तर- कुँवर सिंह को बचपन में पढ़ाई-लिखाई के स्थान पर घुड़सवारी, तलवारबाज़ी और कुश्ती लड़ने में मज़ा आता था।
हाँ, उनकी इन रुचियों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में उन्हें बहुत मदद मिली। इन कार्यों के कारण ही उनके अन्दर एक वीर पुरूष की भांति सारी शक्तियों का विकास हुआ था, जिससे आगे चलकर उन्होंने अनेकों वीरतापूर्ण कार्य कर इतिहास में अपनी एक अलग ही अमिट छाप छोड़ी।

प्रश्न 3. सांप्रदायिक सद्भाव में कुँवर सिंह की गहरी आस्था थी। पाठ के आधार पर कथन की पुष्टि कीजिए।

उत्तर- कुँवर सिंह की सांप्रदायिक सद्भाव में गहरी आस्था थी, वे एक सांप्रदायिक व्यक्ति थे। वे अपनी सेनाओं का चयन धर्म के आधार पर नहीं अपितु कार्यक्षमता व शौर्यता के आधार पर करते थे। उदाहरण हेतु इब्राहीम खाँ तथा किफ़ायत हुसैन उनकी सेना में उच्च पदों पर आसीन थे। उन्होंने हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच में सांप्रदायिक सद्भावना को रखते हुए हिन्दुओं के लिए पाठशाला व मुसलमानों के लिए मकतब बनवाए।

प्रश्न 4. पाठ के किन प्रसंगों से आपको पता चलता है कि कुंवर सिंह साहसी, उदार एवं स्वाभिमानी व्यक्ति थे?

उत्तर- वीर कुँवर सिंह एक अत्यंत साहसी व्यक्ति थे।उनके साहसी होने का प्रमाण उनकी स्वयं की सम्पूर्ण जीवन गाथा है। इनका साहस ही था कि उन्होंने अंग्रेज़ों के दाँत खट्टे कर दिए थे। वे अत्यधिक उदार स्वभाव के थे। किसी प्रकार का कोई जातिगत भेदभाव उनमें न था। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन देश की सेवा में समर्पित किया।. उनके हृदय में देश के प्रति इतनी श्रद्धा थी कि उन्होंने अंतिम पलों में इतने वृद्ध हो जाने पर भी सदैव युद्ध हेतु तत्पर रहते थे। एक वीर सिपाही के साथ-साथ वे एक कुशल समाज सेवक भी थे। उन्होंने कई पाठशालाओं, कुओं व तालाबों का निर्माण करवाया। वे निर्धनों एवं जरूरतमंद की सदा सहायता करते थे। कुँवर सिंह बुद्धिमान एवं चतुर थे। अपनी चतुरता व सूझबूझ के कारण ही एक बार कुँवर सिंह ने अंग्रेज़ो को मूर्ख बना दिया था। उनको गंगा पार करनी थी पर अंग्रेज़ी सरकार उनके पीछे लगी थी। उनसे बचने के लिए उन्होंने ये अफ़वाह उड़ा दी कि वे बलिया से हाथियों पर अपनी सेना के साथ नदी पार करेंगे परन्तु किया इसका उल्टा उन्होंने शिवराजपुर से नदी पार कर ली।

प्रश्न 5. आमतौर पर मेले मनोरंजन, खरीद-फरोख्त एवं मेलजोल के लिए होते हैं। वीर कुंवर सिंह ने मेले का उपयोग किस रूप में किया?

उत्तर- हम सभी के लिए प्रायः मेले मनोरंजन, खरीद-फरोख्त एवं मेलजोल के लिए होते हैं परन्तु वीर कुँवर सिंह ने मेले का उपयोग स्वाधीनता संग्राम की योजना बनाने के लिए किया। वे इस बात से भली-भाँति अवगत थे कि अंग्रेज़ी सरकार उनके पीछे लगी हुई है इसलिए वे ऐसे स्थानों को चुनते थे जो उनकी गुप्त बैठकों के लिए उपयुक्त स्थान हो तथा वे आराम से योजना बना सके। इसके लिए उन्होनें बिहार के प्रसिद्ध सोनपुर मेले को अपनी गुप्त बैठकों के लिए चुना था।

निबंध से आगे

प्रश्न 1.सन् 1857 के आंदोलन में भाग लेनेवाले किन्हीं चार सेनानियों पर दो-दो वाक्य लिखिए।

उत्तर- सन् 1857 के आंदोलन में भाग लेनेवाले चार सेनानियाँ –

रानी लक्ष्मीबाई- झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई स्वाधीनता संग्राम की प्रथम महिला थीं। अंग्रेज झाँसी को अपने अधीन करना चाहते थे परन्तु रानी को ये मंजूर नहीं था। वह अंत तक लड़ती रही और लड़ते-लड़ते 23 वर्ष की अल्पायु में वीरगति को प्राप्त हो गई।

मंगल पांडे – मंगल पांडे ने बहुत सारी ब्रिटिश सिपाही एवं अधिकारी को मौत के घाट उतार दिया। कारतूस में गाय और सुअर की खबर फैलने के बाद उन्होंने विद्रोह की शुरुआत की थी। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें ८ अप्रैल १८५७ को फांसी पर चढ़ा दिया।

तात्या टोपे – तात्या टोपे का बचपन का नाम रघुनाथ पंत था एवं मूल नाम रामचंद्र पांडुरंग था। वे झाँसी की रानी की सेना में सेनापति थे। उन्होंने देश के लिए ख़ुशी-ख़ुशी अपने प्राणो को त्याग दिया।

नाना साहेब पेशवा – ये मराठों में अत्यंत लोकप्रिय थे। इनको बाजीराव ने गोद लिया था। इन्होने देश के लिए अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ाई लड़ी तथा देश को आज़ादी दिलाने का ठान लिया।

प्रश्न 2. सन् 1857 के क्रांतिकारियों से संबंधित गीत विभिन्न भाषाओं और बोलियों में गाए जाते हैं। ऐसे कुछ गीतों को संकलित कीजिए।

उत्तर- छात्र स्वयं करें।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. वीर-कुँवर सिंह का पढ़ने के साथ-साथ कुश्ती और घुड़सवारी में अधिक मन लगता था। आपको पढ़ने के अलावा और किन-किन गतिविधियों या कामों में खूब मज़ा आता है? लिखिए?

उत्तर- छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2. सन् 1857 में अगर आप 12 वर्ष के होते तो क्या करते? कल्पना करके लिखिए।

उत्तर- 1857 में यदि मैं 12 वर्ष का होता तो अवश्य वीर सेनानियों के कार्यों से प्रभावित होकर उनकी मदद करने का सोचता। मैं भी घुड़सवारी, तलवारबाजी सीखता ताकि बड़ा होकर सैनिक बन पाता और अपना जीवन देश की सेवा में समर्पित कर देता।

प्रश्न 3. अनुमान लगाइए, स्वाधीनता की योजना बनाने के लिए सोनपुर के मेले को क्यों चुना गया होगा?

उत्तर- स्वाधीनता की योजना बनाने के लिए सोनपुर के मेले को इसलिए चुना गया होगा क्योंकि वह एशिया का सबसे बड़ा मेला है। उसमे अत्यंत भीड़ होती है। वहाँ किसी को भी ढूँढना अत्यंत कठिन है। यदि स्वतंत्रता सेनानी यहाँ कोई योजना बनाने के लिए इकट्ठे हो जाएँ तो अंग्रेजी सरकार को कभी शक नहीं हो सकता था।

भाषा की बात

आप जानते हैं कि किसी शब्द को बहुवचन में प्रयोग करने पर उसकी वर्तनी में बदलाव आता है, जैसे- सेनानी एक व्यक्ति के लिए प्रयोग करते हैं और सेनानियों एक से अधिक के लिए। सेनानी शब्द की वर्तनी में बदलाव यह हुआ है कि अंत के ‘वर्ण’ ‘नी’ की मात्रा दीर्घ ी (ई) से ह्रस्व ि (इ) हो गई है। ऐसे शब्दों को, जिसके अंत में दीर्घ ईकार होता है, बहुवचन बनाने पर वह इकार हो जाता है, यदि शब्द के अंत में ह्रस्व इकार होता है, तो उसमें परिवर्तन नहीं होता; जैसे- दृष्टि से दृष्टियों।
नीचे दिए गए शब्दों का वचन बदलिए
नीति ………………. जिम्मेदारियों ……………. सलामी ………………..
स्थिति ………………. स्वाभिमानियों …………. गोली ……………….

उत्तर-
नीति – नीतियों
जिम्मेदारियों – जिम्मेदारी
सलामी – सलामियों
स्थिति – स्थितियों
स्वाभिमानी – स्वाभिमानियों
गोली – गोलियाँ

👍👍👍

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