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Class 8 Sanskrit Chapter 6- गृहं शून्यं सुतां विना- Hindi Translation & English Translation

CBSE Ruchira Bhag 3 – Class 8 Sanskrit Chapter 6- गृहं शून्यं सुतां विना- translation in Hindi (Hindi Anuvad), हिंदी अनुवाद, Hindi meaning, Hindi arth, Hindi summary, English Translation, and English Summary are provided here. That Means, word meanings (शब्दार्थ:), अन्वयः, सरलार्थ, are given for the perfect explanation of Ruchira भाग 1 – Sanskrit Class 8 Chapter 6- गृहं शून्यं सुतां विना |

Translation in Hindi & English (Meaning/Arth/Anuvad)

षष्ठः पाठः
गृहं शून्यं सुतां विना
कन्याओं के बिना घर शून्य है

[यह पाठ कन्याओं की हत्या पर रोक और उनकी शिक्षा सुनिश्चित करने की प्रेरणा हेतु निर्मित है। समाज में लड़के और लड़कियों के बीच भेद-भाव की भावना आज भी समाज में यत्र-तत्र देखी जाती है। जिसे दूर किए जाने की आवश्यकता है। संवादात्मक शैली में इस बात को सरल संस्कृत में प्रस्तुत किया गया है।]

This text is made to stop the killing of girls and to inspire them to ensure their education. The feeling of discrimination between boys and girls in society is seen even today which needs to be removed. This has been presented in simple Sanskrit in a conversational style.

“शालिनी ग्रीष्मावकाशे पितृगृहम् आगच्छति। सर्वे प्रसन्नमनसा तस्याः स्वागतं कुर्वन्ति परं तस्याः भ्रातृजाया उदासीना इव दृश्यते”

Hindi Translation: “शालिनी गर्मी की छुट्टियों में पिता के घर आती है। सभी खुश मन से उसका स्वागत करते हैं परन्तु उसकी भाभी उदास दिखती है”।

Hindi Translation: Shalini comes to her father’s house during the summer vacation. Everyone welcomes her with a happy heart but his sister-in-law looks sad.

शालिनी- भ्रातृजाये! चिन्तिता इव प्रतीयसे, सर्व कुशलं खलु?
माला – आम् शालिनि! कुशलिनी अहम्। त्वदर्थं किम् आनयानि, शीतलपेयं चायं वा?
शालिनी- अधुना तु किमपि न वाञ्छामि । रात्रौ सवै: सह भोजनमेव करिष्यामि।

Hindi Translation:

शालिनी- भाभी! चिन्तित सी लग रही हो, सब ठीक तो है?
माला – हाँ शालिनि! कुशल हूँ मैं। तुम्हारे लिए क्या लाऊँ, ठंढा पेय या चाय?
शालिनी- अभी तो कुछ भी नहीं चाहती हूँ। रात को सभी के साथ ही भोजन करुँगी।

English Translation:

Shalini – Bhabhi! You seem worried, is everything alright?
Mala – Yes Shalini! I am fine. What shall I bring you, cold drinks or tea?
Shalini – I don’t want anything right now. Will have dinner with everyone at night.

(भोजनकालेऽपि मालायाः मनोदशा स्वस्था न प्रतीयते स्म, परं सा मुखेन किमपि नोक्तवती)

(भोजन के समय में भी माला की मनोदशा स्वस्थ नहीं प्रतीत हो रही थी, परंतु वह मुँह से कुछ भी नहीं कहती है)

(Even during the meal, Mala’s mood was not healthy, but she does not say anything.)

राकेश:- भगिनि शालिनि! दिष्ट्या त्वं समागता। अद्य मम कार्यालये एका महत्त्वपूर्णा गोष्ठी सहसैव निश्चिता। अद्यैव मालाया: चिकित्सिकया सह मेलनस्य समय: निर्धारित: त्वं मालया सह चिकित्सिकां प्रति गच्छ, तस्या: परामर्शानुसारं यद्विधेयं तद् सम्पादय।
शालिनी- किमभवत्? भ्रातृजायायाः स्वास्थ्यं समीचीनं नास्ति? अहं तु हय: प्रभृति पश्यामि सा स्वस्था न प्रतिभाति इति प्रतीयते स्म।

राकेश:- चिन्तायाः विषय: नास्ति। त्वं मालया सह गच्छ। मार्गे सा सर्व ज्ञापयिष्यति।

Hindi Translation:

राकेश- बहन शालिनि! भाग्य से तुम आई। आज मेरे कार्यालय में एक महत्त्वपूर्ण बैठक (मीटींग) अचानक ही निश्चित हुई है। आज ही माला का चिकित्सिका के साथ मिलने का समय निर्धारित है। तुम माला के साथ चिकित्सिका के पास जाओ उसके परामर्श के अनुसार जो करना हो वह करो ।
शालिनी- क्या हुआ है? भाभी का स्वास्थ्य अच्छा नहीं है? मैं तो कल से देख रही हूँ वह स्वस्था नहीं लग रही है – ऐसा प्रतीत हो रहा था।
राकेश- चिन्ता का विषय नहीं है। तुम माला के साथ जाओ। रास्ते में वह सब बता देगी।

English Translation:

Rakesh – Sister Shalini! You came by luck. Today an important meeting has suddenly been fixed in my office. Mala has an appointment with the doctor today. You go to the doctor with Mala and do whatever the doctor advises.
Shalini – what happened? ‘Bhabhi”s health is not good? I have been seeing since yesterday that she is not feeling well – it seemed so.
Rakesh – Nothing to worry about. You go with Mala. On the way, she will tell you everything.

(माला शालिनी च चिकित्सिकां प्रति गच्छन्त्यौ वार्ता कुरुतः)

माला और शालिनी चिकित्सिका के पास जाते हुए बातचीत करते हैं।

शालिनी- किमभवत्? भ्रातृजाये! का समस्याऽस्ति?
माला-शालिनि! अहं मासत्रयस्य गर्भं स्वकुक्षौ धारयामि। तव भ्रातुः आग्रह: अस्ति यत् अहं लिङ्गपरीक्षणं कारयेयं कुक्षौ कन्यास्ति चेत् गर्भ पातयेयम्। अहम् अतीव उद्विग्नाऽस्मि परं तव भ्राता वार्तामेव न श्रृणोति।
शालिनी- भ्राता एवं चिन्तयितुमपि कथं प्रभवति ? शिशुः कन्याऽस्ति चेत् वधार्हा? जघन्यं कृत्यमिदम्। त्वम् विरोधं न कृतवती? सः तव शरीरे स्थितस्य शिशोः वधार्थ चिन्तयति त्वम् तूष्णीम् तिष्ठसि ? अधुनैव गृहं चल, नास्ति आवश्यकता लिङ्गपरीक्षणस्य। भ्राता यदा गृहम् आगमिष्यति अहम् वार्ता करिष्ये।

Hindi Translation:

शालिनी क्या हुआ है? भाभी क्या समस्या है?
माला – शालिनी! मैं तीन महीने के गर्भ को अपने कोख में धारण कर रही हूँ। तुम्हारे भाई का आग्रह है कि मैं लिङ्ग परीक्षण करवा कर कोख में (अगर) कन्या है तो (मैं) गर्भपात करवा लूँ। मैं बहुत व्याकुल हूँ पर तुम्हारे भाई बात भी नहीं सुनते हैं।
शालिनी- भैया ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं? शिशु कन्या है तो मार दी जाये? जघन्य पाप है यह। तुमने विरोध नहीं किया? वह तुम्हारे शरीर में स्थित शिशु के वध के लिए सोच रहे हैं, तुम चुप बैठी हो? अभी ही घर चलो, नहीं है आवश्यकता लिङ्गपरीक्षण की । भईया जब घर आएंगे, मैं बात करुँगी।

English Translation:

Shalini – What happened? ‘Bhabhi’!, What’s the problem?
Mala – Shalini! I am carrying a three-month-old fetus in my womb. Your brother insists that I should get the gender test done, if there is a girl child in the womb, then I should get an abortion done. I am very upset but your brothers do not even listen.
Shalini- How can brother even think like this? Should the child be killed if it is a girl child? This is a heinous sin. you didn’t object They are thinking of killing the child in your body, you are sitting silently? Just go home, there is no need for a gender test. When my brother comes home, I will talk.

(सन्ध्याकाले भ्राता आगच्छति हस्तपादादिकं प्रक्षाल्य वस्त्राणि च परिबत्त्य पूजागृहं गत्वा दीपं प्रज्वालयति भवानीस्तुतिं चापि करोति। तदनन्तरं चायपानार्थम् सर्वेऽपि एकत्रिताः।)

शाम के समय भाई आते हैं, हाथ-पैर धो कर और वस्त्र बदल कर और पूजा घर में जाकर दीप जलाकर भवानी (दुर्गा) की स्तुति करता है। उसके बाद चाय पीने के लिए सभी एकत्रित होते हैं।

In the evening, Brother comes, washes his hands and feet, changes his clothes, and goes to the worship house, where he lights a lamp and praises Durga. Everyone then gathers for tea.

राकेश:- माले! त्वं चिकित्सिकां प्रति गतवती आसी:, किम् अकथयत् सा?

Hindi Translation:

राकेश- माला! तुम चिकित्सिका के पास गई थी, वह क्या बोली?

Hindi Translation:

Rakesh- Garland! You went to the doctor, what did she say?

(माला मौनमेवाश्रयति। तदैव क्रीडन्ती त्रिवर्षीया पुत्री अम्बिका पितुः क्रोडे उपविशति तस्मात् चाकलेहं च याचते । राकेश: अम्बिकां लालयति, चाकलेहं प्रदाय तां क्रोडात् अवतारयति ।
पुन: मालां प्रति प्रश्नवाचिकां दृष्टिं क्षिपति। शालिनी एतत् सर्वं दृष्ट्वा उत्तरं ददाति)

(माला चुप रहकर ही सुनती है। उसके बाद ही खेलती हुई तीन वर्ष की पुत्री अम्बिका पिता के गोद में बैठती है और उनसे चॉकलेट मांगती है। राकेश अम्बिका को दुलार करता है, चॉकलेट देता है, (फिर) उसको गोद से उतार देता है। पुन: माला को प्रश्नवाचक निगाह से देखता है। शालिनी यह सब देखकर उत्तर देती है।)

(Mala listens silently. Just then, Ambika, a three-year-old daughter, comes playing and sits on her father’s lap and asks him for chocolate. Rakesh caresses Ambika, gives her chocolate, then takes her off his lap. Looks at ‘Mala’ with questioning eyes again. Shalini replies seeing all this.)

शालिनी- भ्रात:! त्वं किं ज्ञातुमिच्छसि ? तस्या: कुक्षि पुत्रः अस्ति पुत्री वा? किमर्थम्?
षण्मासानन्तरं सर्व स्पष्टं भविष्यति, समयात् पूर्व किमर्थम् अयम् आयास:?
राकेशः- भगिनि, त्वं तु जानासि एव अस्माकं गृहे अम्बिका पुत्रीरूपेण अस्त्येव
अधुना एकस्य पुत्रस्य आवश्यकताऽस्ति तर्हि…..
शालिनी- तर्हि कुक्षि पुत्री अस्ति चेत् हन्तव्या? (तीव्रस्वरेण) हत्यायाः पापं कर्तु प्रवृत्तोऽसि त्वम्।
राकेश:- न, हत्या तु न……

Hindi Translation:

शालिनी- भईया! तुम क्या जानना चाहते हो? उसकी कोख में बेटा है या बेटी? किसलिए? छ: महीने बाद सब स्पष्ट हो जाएगा, समय से पहले किसलिए यह कोशिश?
राकेश- बहन, तुम तो जानती ही हो, हमारे घर में अम्बिका पुत्री रूप में है ही। अब एक पुत्र की आवश्यकता है इसलिए …..
शालिनी- इसलिए कोख में पुत्री है तो (उसकी) हत्या कर देनी चाहिए? (ऊँचे आवाज़ में) हत्या का पाप करने के लिए प्रवृत हो तुम।
राकेश- नहीं, हत्या तो नहीं ……

English Translation:

Shalini – Brother! what do you want to know? Is it a son or a daughter in her womb? Why? Everything will be clear after six months, why this effort before time?
Rakesh- Sister, you already know that Ambika is present in our house in the form of a daughter. Now a son is needed so…..
Shalini- That’s why if there is a daughter in the womb then she should be killed? (in a loud voice) You are prone to commit the sin of murder.
Rakesh- No, not murder……


शालिनी- तर्हि किमस्ति निर्घृणं
कृत्यमिदम्? सर्वथा विस्मृतवान् अस्माकं जनकः कदापि
पुत्रीपुत्रयोः विभेदं न कृतवान्? सः सर्वदैव मनुस्मृते: पंक्तिमिमाम् उद्धरति स्म “आत्मा वै जायते पुत्रः पुत्रेण दुहिता समा “। त्वमपि सायं प्रातः देवीस्तुतिं करोषि? किमर्थं सृष्टे: उत्पादिन्याः शक्त्याः तिरस्कारं करोषि? तव मनसि इयती कुत्सिता वृत्तिः आगता, इदं चिन्तयित्वैव अहं कुण्ठिताऽस्मि । तव शिक्षा वृथा…

Hindi Translation:

शालिनी-तो क्या यह कार्य निर्दयतापूर्वक है? सब भूल गए हमारे पिताजी कभी पुत्र-पुत्री में भेद नहीं किए? वह हमेशा ही मनुस्मृति की इस पंक्ति का उदाहरण देते थे – “पिता की आत्मा पुत्र के रूप में जन्म लेती है और पुत्री पुत्र के सामान होती है “। तुम भी सुबह- शाम देवी की स्तुति करते हो? सृष्टि के उत्पादन शक्ति का अनादर किसलिए करते हो? तुम्हारे मन में इतना क्रूर विचार आया, यह मैं सोचकर ही शक्तिहीन हो गयी हूँ। तुम्हारी शिक्षा व्यर्थ गई…

English Translation:

Shalini- So is this act cruel? Everyone has forgotten that our father never differentiated between son and daughter. He always used to quote this line from Manusmriti – “The soul of the father takes birth in the form of a son and the daughter is like a son”. Do you also praise the Goddess morning and evening? Why do you disrespect the production power of creation? Such a cruel thought came to your mind, I have become powerless just by thinking about it. Your education went in vain.

राकेश:- भगिनि! विरम विरम। अहं स्वापराधं स्वीकरोमि लज्जितश्चास्मि। अद्यप्रभृति कदापि गर्हितमिदं कार्य स्वप्नेऽपि न चिन्तयिष्यामि। यथैव अम्बिका मम हृदयस्य सम्पूर्णस्नेहस्य अधिकारिणी अस्ति, तथैव आगन्ता शिशुः अपि स्नेहाधिकारी भविष्यति पुत्र: भवतु पुत्री वा। अहं स्वरगर्हितचिन्तनं प्रति पश्चात्तापमग्नः अस्मि, अह कथं विस्मृतवान्

Hindi Translation:

राकेश- बहन! रुको, रुको। मैं अपने अपराध को स्वीकार करता हूँ और लज्जित भी हूँ। आज से कभी भी इस तरह का गन्दा कार्य स्वप्न में भी नहीं सोचूंगा। जिस प्रकार अम्बिका मेरी हृदय के सम्पूर्ण स्नेह की अधिकारिणी है, उसी प्रकार आने वाला शिशु भी स्नेह का अधिकारी होगा चाहे पुत्र हो या पुत्री। मैं अपने गंदे कार्य के प्रति पश्चात्ताप में मग्नः हूँ। मैं कैसे भूल गया-

English Translation:

Rakesh- Sister! hold on hold on. I accept my crime and am also ashamed. From today onwards, I will never think of such dirty work even in my dreams. Just as Ambika is entitled to all the affection of my heart, similarly the child to come will also be entitled to affection, be it a son or a daughter. I am engrossed in remorse for my dirty deed. How did I forget

“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।
यत्रैताः न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला: क्रिया
:

अन्वय: यत्र तु नार्यः पूज्यन्ते तत्र देवताः रमन्ते, यत्र तु एताः न पूज्यन्ते तत्र सर्वाः क्रियाः अफलाः (भवन्ति)।

Hindi Translation: जहाँ स्त्रियों का सम्मान होता है वहाँ देवता निवास करते हैं, लेकिन जहाँ सम्मान नहीं होता वहाँ सभी कर्म निष्फल हो जाते हैं।

English Translation: Where women are respected, gods reside there, but where there is no respect, all actions become fruitless.

राकेश:- अथवा “पितुर्दशगुणा मातेति।” त्वया सन्मार्गः प्रदर्शित: भगिनि। कनिष्ठाऽपि त्वं मम गुरुरसि।
शालिनी- अलं पश्चात्तापेन। तव मनसः अन्धकारः अपगतः प्रसन्नतायाः विषयोऽयम्।
भ्रातृजाये! आगच्छ। सर्वा चिन्तां त्यज आगन्तुः शिशोः स्वागताय च सन्नद्धा भव। भ्रातः त्वमपि प्रतिज्ञां कुरु – कन्यायाः रक्षणे, तस्याः पाठने दत्तचित्तः स्थास्यसि “पुत्रीं रक्ष, पुत्रीं
पाठय” इतिसर्वकारस्य घोषणेयं तदैव सार्थिका भविष्यति यदा वयं सर्वे मिलित्वा चिन्तनमिदं
यथार्थरूपं करिष्याम:-

Hindi Translation :

राकेश- “या पिता से दस गुणा माता होती है।” तुम्हारे द्वारा अच्छा मार्ग दिखाया गया। बहन। तुम छोटी होते हुए भी मेरी गुरु हो।
शालिनी- पश्चात्ताप मत करो। तुम्हारे मन का अन्धकार दूर हो गया। यह प्रसन्नता का विषय है। भाभी! आओ। सब चिन्ता को छोड़ो और आने वाले शिशु के स्वागत के लिए तैयार हो। भैया तुम भी प्रतिज्ञा करो – कन्या की रक्षा में, उसके पढ़ाई में सचेत रहोगे” बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” ये सरकार की घोषणा तब ही सार्थक होगी जब सभी मिलकर इस सोच को यथार्थ रूप के साथ करेंगे-

English Translation:

Rakesh- “Or the mother is ten times the father.” You have shown me the right path. Sister. You are my teacher even though you are younger.
Shalini – Don’t repent. The darkness of your mind has gone away. This is a matter of happiness. Bhabhi! Come. Leave all worries and get ready to welcome the coming baby. Brother, you also take a pledge – to protect the girl child and be careful in her studies, “Save daughter, educate daughter”. This announcement of the government will be meaningful only when everyone together will do this thinking in a realistic way-

या गार्गी श्रुतचिन्तने नृपनये पाञ्चालिका विक्रमे,
लक्ष्मीः शत्रुविदारणे गगनं विज्ञानाङ्गणे कल्पना।
इन्द्रोद्योगपथे च खेलजगति ख्याताभितः साइना,
सेयं स्त्री सकलासु दिक्षु सबला स्वै: सदोत्साह्यताम् ॥

शब्दार्थ: पाञ्चालि – द्रौपदी । विक्रमे – साहस में । सकलासु – सभी में । दिक्षु – दिशाओं में । सबला – सशक्त, बलशाली, शक्ति-युक्त।

Note: गार्गीगार्गी का पूरा नाम गार्गी वाचक्नवी बृहदारण्यकोपनिषद (3.6 और 3.8श् में वही मिलता है जहां वह जनक की राजसभा में याज्ञवल्क्य से अध्यात्म संवाद करती है। इसी वाचक्नवी के आधार पर बाद में लोगों ने कल्पना कर ली कि किसी वचक्नु नामक ऋषि की पत्‍नी होने के कारण गार्गी का नाम वाचक्नवी पड़ गया। (Gargi Vachaknavi was an ancient Indian philosopher. In Vedic literature, she is honored as a great natural philosopher, renowned expounder of the Vedas, and known as Brahmavadini, a person with knowledge of Brahma Vidya.)

साइना नेहवाल – भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं

Hindi Translation: जो (स्त्री), राजसभा में अध्यात्म चिंतन में गार्गी (की तरह), साहस में द्रौपदी (की तरह), शत्रु के विनाश में लक्ष्मीबाई (की तरह), अंतरिक्ष-विज्ञान के क्षेत्र में कल्पना चावला (की तरह), उद्योग के पथ पर इन्द्र (के तरह) और खेल जगत में साइना नेहवाल की तरह- वह स्त्री सभी दिशाओं में सशक्त है। सदा इन्हें सभी प्रोत्साहित करें।

English Translation: The woman who is like ‘Gargi’ in spiritual contemplation in the Raj Sabha, like ‘Draupadi’ in courage, like ‘Lakshmibai’ in the destruction of the enemy, like ‘Kalpana Chawla’ in the field of space science, like Indra in the field of industry and Like Saina Nehwal in the field of sports – That woman is strong in all directions. Everyone always encourages them.

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12 thoughts on “Class 8 Sanskrit Chapter 6- गृहं शून्यं सुतां विना- Hindi Translation & English Translation”

  1. Thank you for this translation. However English translation has not yet come so please make a English explanation.

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