CBSE Ruchira Bhag 2- Class 7 Sanskrit Chapter 14 – अनारिकायाः जिज्ञासा– translation in Hindi (Hindi Anuvad), हिंदी अनुवाद, Hindi meaning, Hindi arth, Hindi summary, English Translation, and English Summary are provided here. That Means, word meanings (शब्दार्थ:), अन्वयः, सरलार्थ, are given for the perfect explanation of Ruchira भाग 2- Sanskrit Class 7 Chapter 14 – अनारिकायाः जिज्ञासा।
Translation in Hindi & English (Anuvad)
चतुर्दशः पाठः
अनारिकायाः जिज्ञासा
अनारिका की जिज्ञासा
बालिकायाः अनारिकायाः मनसि सर्वदा महती जिज्ञासा भवति। अतः सा बहून् प्रश्नान् पृच्छति। तस्याः प्रश्नैः सर्वेषां बुद्धिः चक्रवत् भ्रमति। प्रातः उत्थाय सा अन्वभवत् यत् तस्याः मनः प्रसन्नं नास्ति। मनोविनोदाय सा भ्रमितुं गृहात् बहिः अगच्छत् । भ्रमणकाले सा अपश्यत् यत् मार्गाः सुसज्जिताः सन्ति। सा चिन्तयति – किमर्थम् इयं सज्जा? सा अस्मरत् यत् अद्य तु मन्त्री आगमिष्यति। सः अत्र किमर्थम् आगमिष्यति इति विषये तस्या : जिज्ञासा : प्रारब्धाः।
Hindi Translation:
कन्या ‘अनारिका’ के मन में हमेशा बड़ी जिज्ञासा रहती है। इसलिए वह बहुत सवाल पूछती है। उसके प्रश्नों के द्वारा सभी की बुद्धि चक्र के तरह घूमती है। सुबह उठकर उसने अनुभव किया कि उसका मन प्रसन्न नहीं है। मन के विनोदित करने के लिए वह घूमने के लिए घर से बाहर गई। भ्रमण के समय उसने देखा की रास्ते सजे हुए हैं। उसने सोचा – किसलिए यह सजा हुआ है ? उसने स्मरण किया कि आज तो मंत्री आएंगे। वह यहाँ किसलिए आएंगे? इस विषय पर उसकी जिज्ञासा शुरू हुई।
English Translation:
There is always a lot of curiosity in the mind of the girl ‘Anarika’. That’s why she asks a lot of questions. Through her questions, everyone’s intellect revolves like a wheel. Waking up in the morning, she felt that her mind was not happy. To entertain the mind, she went out of the house for a walk. While visiting, she saw that the roads were decorated. She thought – why is it decorated? She remembered that today the minister will come. Why would he come here? Her curiosity began on this topic.
गृहम् आगत्य सा पितरम् अपृच्छत्- “पितः! मन्त्री किमर्थम् आगच्छति?” पिता अवदत्-“पुत्रि! नद्याः उपरि नवीनः सेतुः निर्मितः। तस्य उद्घाटनार्थं मन्त्री आगच्छति।” अनारिका पुन: अपृच्छत्-“पित:! किं मन्त्री सेतोः निर्माणम् अकरोत्?” पिता अकथयत्-“न हि पुत्रि! सेतोः निर्माणं कर्मकरा: अकुर्वन्।’ पुनः अनारिकायाः प्रश्नः आसीत्-“यदि कर्मकराः सेतोः निर्माणम् अकुर्वन्, तदा मन्त्री किमर्थम् आगच्छति?”
Hindi Translation:
घर आकर उसने पिता को पूछा, “पिताजी! मंत्री किसलिए आ रहे हैं/रहा है?” पिता ने कहा, “बेटी! नदी के उपर नया पुल बनाया गया है। उसके उद्घाटन के लिए मंत्री आ रहे हैं।” अनारिका ने फिर पूछा, “पिताजी! क्या मंत्री ने पुल का निर्माण किया था?” पिता ने कहा, “नहीं बेटी! पुल का निर्माण (तो) मजदूरों ने किया है। पुनः अनारिका का प्रश्न था – “यदि मजदूरों ने पुल का निर्माण किया है तब मंत्री (जी) किसलिए आ रहे हैं?”
Note: हिंदी भाषा में “आदर” देने के लिए क्रिया का एकवचन के स्थान पर बहुवचन का इस्तेमाल किया जाता है। इसीलिए “मन्त्री आगच्छति” का हिंदी अनुवाद “मंत्री रहा है” न होकर “मंत्री आ रहे हैं” होगा। “मन्त्री आगच्छति” इसमें आगच्छति एकवचन है लेकिन हिंदी में अनुवाद होकर बहुवचन में चला जाएगा। आगे से इसका ध्यान रखें।
English Translation:
After coming home she asked his father, “Father! Why is the minister coming?” The father said, “Daughter! A new bridge has been built over the river. Minister is coming to inaugurate it.” Anarika again asked, “Father! Did the minister build the bridge?” The father said, “No daughter! The laborers have done the construction of the bridge. Again Anarika’s question was – “If the laborers have built the bridge, then why is the minister coming?”
पिता अवदत्-“यतो हि सः अस्माकं देशस्य मन्त्री।” “पितः! सेतो: निर्माणाय प्रस्तराणि कुतः आयान्ति? किं तानि मन्त्री ददाति?” विरक्तभावेन पिता उदतरत्-“अनारिके! प्रस्तराणि जनाः पर्वतेभ्यः आनयन्ति। “पितः! तर्हि किम्, एतदर्थं मन्त्री धनं ददाति? तस्य पार्श्वे धनानि कुतः आगच्छन्ति?” एतान् प्रश्नान् श्रुत्वा पिताऽवदत्-“अरे! प्रजाः धनं प्रयच्छन्ति।”
Hindi Translation:
पिता ने कहा, “क्योंकि वह हमारे देश के मंत्री हैं।” “पिताजी! पुल के निर्माण के लिए पत्थर कहाँ से आते हैं? क्या उन्हें मंत्री (जी) देते हैं?” विरक्त/उदासीन भाव के साथ पिता ने उत्तर दिया, “अनारिका! पत्थरों को (तो) लोग पहाड़ों से लाते हैं। “पिताजी! तो क्या, इसके लिए मंत्री जी धन देते हैं? उनके पास धन कहाँ से आते हैं?” इन सवालों को सुनकर पिता ने कहा, “अरे! प्रजा/लोग धन देते हैं।”
English Translation:
The father said, “Because he is the minister of our country.” “Father! Where do the stones come from to build the bridge? Does the minister give them?” With an indifferent expression, the father replied, “Anarika! People bring stones from the mountains.” So what, does the minister give money for this? Where does he get the money from?” Hearing these questions, the father said, “Oh! People give money.”
विस्मिता अनारिका पुनः अपृच्छत्-“पितः! कर्मकराः पर्वतेभ्यः प्रस्तराणि आनयन्ति। ते एव सेतुं निर्मान्ति। प्रजाः धनं ददति। तथापि सेतोः उद्घाटनार्थं मन्त्री किमर्थम् आगच्छति?” पिता अवदत्-“प्रथममेव अहम् अकथयम् यत् सः देशस्य मन्त्री अस्ति। स जनप्रतिनिधिः अपि अस्ति। जनतायाः धनेन निर्मितस्य सेतोः उद्घाटनाय जनप्रतिनिधिः आमन्त्रित भवति। चल सुसज्जिता भूत्वा विद्यालयं चल।” अनारिकायाः मनसि इतोऽपि बहवः प्रश्नाः सन्ति।
Hindi Translation:
आश्चर्य चकित अनारिका ने फिर पूछा, “पिताजी! मजदूर पहाड़ों से पत्थरों को लाते हैं। वे ही पुल बनाते हैं। प्रजा धन देती है। फिर भी पुल के उद्घाटन के लिए मंत्री किसलिए आ रहे हैं? पिता ने कहा, “पहले ही मैंने कहा है कि वह देश के मंत्री हैं। वह जनता के प्रतिनिधि भी हैं। जनता के पैसे से बने पुल का उद्घाटन के लिए जनप्रतिनिधि को आमंत्रित किया जाता है। चलो तैयार होकर स्कूल चलो।” अनारिका के मन में अभी भी कई सवाल हैं।
English Translation:
Surprised Anarika again asked, “Father! The laborers bring stones from the mountains. They build the bridge. The people give money. Still, why is the minister coming to inaugurate the bridge?” The father said, “I have already said that he is the minister of the country. He is also the representative of the public. The public representative is invited to inaugurate the bridge built with public money. Let’s get ready and go to school.” Anarika still has many questions in her mind.
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Sanskrit Grammar Class 7
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