Class 7 Sanskrit Chapter 7- संकल्प: सिद्धिदायक: – Hindi & English Translation

CBSE Ruchira भाग 2 – class 7 Sanskrit chapter 7 – संकल्प: सिद्धिदायक: -translation in Hindi (Hindi Anuvad), Hindi summary, English Translation, and English Summary are provided here. That Means, word meanings (शब्दार्थ:), अन्वयः, सरलार्थ are given for the perfect explanation of chapter 7 संकल्प: सिद्धिदायक:

आज हम पढ़ने वाले हैं class 7 sanskrit chapter 7 संकल्प: सिद्धिदायक: | इस पाठ में बताया गया है की दृढ़ इच्छा शक्ति से किसी भी चीज को हासिल किया जा सकता है| इस कहानी में पार्वती , शिव को प्राप्त करना चाहती है|

तो चलिए class 7 sanskrit chapter 7-संकल्प: सिद्धिदायक:पाठ में exactly क्या है वही पढ़ते हैं- 

Translation in Hindi (Anuvad)

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Hindi Summary

ब्रह्मा के बेटे नारद जी के वचनों से प्रभावित होकर पार्वती शिव भगवान को पति रूप में प्राप्त करने के लिए तप करने की इच्छा अपनी माता मेना के सामने जाहिर की | यह सुनकर माता मेना बहुत ज्यादा चिंतित हो गई | क्योंकि पार्वती को तपस्या के लिए घर से दूर किसी पर्वत पर जाना था | जहां पर रहने लायक कुछ भी नहीं था | बहुत ज्यादा ठंड थी , जंगली जानवर थे| जिससे पार्वती के प्राणों को खतरा था |

पार्वती की माता ने कहा तुम्हें जिससे शादी करनी है यहीं पर करो | तपस्या बहुत कठिन होती है | तुम बहुत ज्यादा कोमल हो इसलिए तुम घर पर ही रहो | यहां पर ही तुम्हारी तपस्या सफल हो जाएगी| इस पर पार्वती ने कहा वैसी इच्छा ऐसे ही सफल नहीं हो जाती है माते ! उसके लिए तो मुझे तप करना ही पड़ेगा | माता के बहुत मना करने पर भी पार्वती नहीं मानी और अपने संकल्प पर कायम रही |

वह अपनी सहेली विजया के साथ गौरी शिखर पर्वत पर तपस्या के लिए निकल पड़ी| पर्वत पर पहुंचने के पश्चात, पार्वती तन-मन से तपस्या में जुट गई | तपस्या करते-करते कभी वह पृथ्वी पर ही सो जाती और कभी पत्थर पर | उसकी तपस्या इतनी अच्छी हो गई कि जंगल के खूंखार जानवर भी उसके दोस्त बन गए | लेकिन फिर भी अभी तक वो अपनी संकल्प को हासिल नहीं कर पाई थी | मगर फिर भी वो अपनी धैर्य को नहीं तोड़ी और तपस्या करती रही | तपस्या कर रही पार्वती ने वेदो का अध्ययन किया तथा बहुत सारे यज्ञ भी संपन्न किए | जिस कारण से संसार में उनका नाम अपर्णा भी प्रसिद्ध हो चुका था | मगर फिर भी तपस्या का फल दिखाई नहीं पड़ रहा था | तभी एक वहां पर एक ब्रह्मचारी आता है और पीने के लिए पानी मांगता है |


विजया जल्दी से ब्रम्हचारी का स्वागत करती है और उन्हें बैठाती है | उसके बाद उन्हें पानी देती है और बताती है कि यह मेरी सखी पार्वती है | शिव को प्राप्त करने के लिए यहां तपस्या कर रही है | फिर ब्रह्मचारी पार्वती से पूछता है कि क्या यहां स्नान करने के लिए जल है? क्या यहां कुछ खाने के लिए फल है ? क्या यहां पूजा के लिए सामग्री है? ब्रह्मचारी बोलता है कि सबसे पहला धर्म शरीर धर्म है |
तत्पश्चात ब्रह्मचारी पूछता है- किसके लिए तप कर रही हो |

पार्वती चुपचाप खड़ी रहती है और कुछ भी नहीं बोलती है | फिर परेशान होकर विजया बोलती है – हां शिव के लिए तपस्या कर रही है| इस बात पर ब्रह्मचारी जोर-जोर से हंसने लगता है और बोलता है – क्या यह सही है कि तुम शिव को पति रूप में प्राप्त करना चाहती हो ? वह सिर्फ नाम से ही शिव है नहीं तो अशिव है ,वो शमशान में रहता है ,उसके तीन नेत्र हैं उसके वस्त्र बाघ के खाल हैं, अंग लेप चिता की राख है तथा भूत उसके दोस्त हैं | क्या उस शिव को तुम पति रूप में चाहती हो ?
क्रोधित होकर पार्वती बोलती है – हट जा बड़बोले! संसार में कोई भी शिव के वास्तविक रूप को नहीं जानता | जैसे तुम हो वैसा ही बोलते हो | फिर विजया के तरफ देख कर बोलती है-चलो, जो निंदा करता है वह तो पापी होता ही है साथ में जो सुनता है वह भी पापी होता है |

पार्वती तेज गति से वहां से निकल जाती है | तभी पीछे में खड़ा ब्रह्मचारी , ब्रह्मचारी रूप को त्यागकर शिव रूप में आ जाता है और पार्वती का हाथ पकड़ लेता है | पार्वती लज्जा से कांप जाती है | शिव बोलते हैं-
हे पार्वती! तुम्हारे संकल्प से मैं अति प्रसन्न हूं | आज से मैं तुम्हारा तपस्या के द्वारा खरीदा हुआ दास हूं | फिर पार्वती अपना मुंह नीचे करके मुस्कुराती है |

इस प्रकार यह पाठ समाप्त हो जाता है |

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22 Comments

  1. Nice explanation but little difficult to understand ,I think you should improve your hand writing other wise it’s useful

  2. Yah it is useful to all students .my daughter is in kendriya vidyalaya mysore she was not Sanskrit but now she is good at Sanskrit

  3. It is very helpful for me to learn it I got 20/19 marks by using this website. So thank you a lot lot lot.

    Remarks
    Drashti jain

  4. When the class was going on I didn’t the words of my teacher of explaining this Story to the class but when I came to this website, within minutes I learned this Sanskrit Story and was shining in the class by answering all the questions.

    I’m thanking this website for the explanation.

  5. The English Summaries are very good but there are problems in the pronouns, Please try to correct them.

  6. Like to see Sanskrit 7th class videos as u uploaded on youtube for all chapters. Please Guide.

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