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Sanskrit Class 9- Chapter 7 – प्रत्यभिग्यानम्-Hindi & English Translation

सप्तम: पाठः
प्रत्यभिग्यानम्

फिर से पहचान
Re-identification

Sanskrit Class 9 Chapter 7 – प्रत्यभिग्यानम् – Hindi & English Translation given below. Also, word meanings (शब्दार्थ:), अन्वयः, सरलार्थ (Hindi Translation & English Translation) are given for the perfect explanation of the chapter प्रत्यभिग्यानम्

प्रस्तुतोऽयं पाठ: महाकविभासप्रणीतम् “पञ्चरात्रम्” इति नाटकात् सम्पाद्य सङ्गृहीतोऽस्ति।अत्र नाटकांशे दुर्योधनादिना राज्ञ : विराटस्य गाव: अपहृता:, तेषाम् उन्मोचनार्थम् विराटपुत्र: उत्तर:, अस्य सारथिरूपेण बृहन्नलावेषधारी अर्जुनश्च उभावपि गतवन्तौ। तत्पक्षत: भीष्मादिना सह अर्जुनपुत्र: अभिमन्युरपि युद्धं कृतवान् युद्धे कौरवाणां पराजय: अभवत्। अस्मित्रेव क्षणे राजभवने सूचना सम्प्राप्ता यद् वल्लभ इति वेषधारिणा भीमेन रणभूमौ अभिमन्युः आबद्ध:।गृहीतः अभिमन्युः अर्जुनभीमौ न प्रत्यभिजानाति, तेन स उभाभ्यां सह सरोषं वार्तालापं करोति।
ततः उभौ अभिमन्युं राजसभायां नयत:, तत्र उपस्थित: राजकुमारः उत्तरः उभयोः रहस्यं बोधयति अनेन छद्मवेषधारिणां पाण्डवानाम् अभिज्ञानं भवति।

Hindi Translation: यह प्रस्तुत पाठ महाकवि भास के द्वारा रचित “पञ्चरात्रम्” नाटक से सम्पादन करके लिया गया है। यहाँ नाटक के भाग में दुर्योधन आदि ने राजा विराट की गायों का अपहरण कर लिया है, उनको उन्मुक्त करने के लिए राजा विराट के पुत्र “उत्तर”, तथा उसके सारथी के रूप में “बृहन्नला” वेषधारी अर्जुन दोनों जाते हैं। उनकी (दूसरे खेमे के) तरफ से भीष्म आदि के साथ अर्जुनपुत्र अभिमन्यु भी युद्ध किया। युद्ध में कौरवों की पराजय हुई। इसी समय राजभवन में सूचना प्राप्त हुई कि ‘वल्लभ’ वेषधारी भीम के द्वारा रणभूमि में अभिमन्यु को पकड़ लिया गया है। पकड़ा हुआ अभिमन्यु, अर्जुन (और) भीम को नहीं जनता है (इसलिए) उनके साथ गुस्सा के साथ वार्तालापं करता है। तब वह दोनों के द्वारा अभिमन्यु को राजसभा में लाया गया, वहाँ उपस्थित राजकुमार ‘उत्तर’ उनदोनों के रहस्य को बताता है। इस प्रकार छद्मवेषधारिणां पाण्डवों का पहचान होता है।

English Translation: This presented text has been edited from the play ‘Pancharatram’ composed by ‘Mahakavi Bhasa’. Duryodhana and other characters in this scene of the play have kidnapped the cows belonging to King “Virat.” Both ‘Uttar’ the son of King ‘Virata’, and Arjuna dressed in ‘Brihannala’ as his charioteer go to free them (the cows). Arjuna’s son ‘Abhimanyu’ also fought with ‘Bhishma’ etc from his other side. The ‘Kauravas’ were defeated in the war. At the same time, information was received in the palace that ‘Abhimanyu’ has been captured in the battlefield by Bhima dressed as ‘Vallabh’. The captured Abhimanyu does not know Arjun and Bhima, so talks angrily with them. Abhimanyu is then brought to the court by both of them (Arjun and Bhima), the prince ‘Uttar’ present there tells the secret of both of them (Arjun and Bhima). In this way, the identity of the ‘Pandavas’ is identified.

भट: – जयतु महाराज:।
राजा – अपूर्व इव ते हर्षों ब्रूहि केनासि विस्मित:?
भट: – अश्रद्धेयं प्रियं प्राप्तं सौभद्रो ग्रहणं गत:।।
राजा – कथमिदानीं गृहीत:?
भटः – रथमासाद्य निश्शङ्क बाहुभ्यामवतारितः।
राजा – केन?
भटः – यः किल एष नरेन्द्रेण विनियुक्तो महानसे। (अभिमन्युमुद्दिश्य) इत इतः कुमार:।

Hindi Translation:

सैनिक – महाराज की जय हो।
राजा – तुम्हारी खुशी अभूतपूर्व (ऐसा पहले नहीं हुआ हो) है। बोलो किस वजह से आश्चर्यचकित हो?
सैनिक– अविश्वसनीय प्रिय खबर प्राप्त हुई है। अभिमन्यु पकड़ा गया।
राजा – यह कैसे पकड़ा गया?
सैनिक – रथ के समीप जाकर बिना चिंता के हाथों से उतारा गया।
राजा – किसके द्वारा?
सैनिक – (वह) जो यह राजा के द्वारा रसोईघर में नियुक्त किया है। (अभिमन्यु की तरफ ईशारा करके) इधर-इधर राजकुमार (उत्तर)।

English Translation:

Soldier – Glory to the Maharaja.
King – Your happiness is unprecedented (it hasn’t happened before). Tell me why are you surprised?
Soldier – Incredibly beautiful news has been received. Abhimanyu is caught.
King – How is he caught?
Soldier – Went near the chariot and was lowered from the hands without worry.
King – By whom?
Soldier – He who is appointed by this king in the kitchen. (pointing to Abhimanyu) This side, Prince ‘Uttar’.

अभिमन्युः -भोः को नु खल्वेष:? येन भुजैकनियन्त्रितो बलाधिकेनापि न पीडितः अस्मि ।
बृहन्नला – इत इत: कुमार:।
अभिमन्युः – अये! अयमपरः क: विभात्युमावेषमिवाश्रितो हर:।
बृहन्नला – आर्य, अभिभाषणकौतूहलं मे महत्। वाचालयत्वेनमार्यः।
वल्लभः – (अपवार्य) बाढम् (प्रकाशम्) अभिमन्यो!
अभिमन्युः – अभिमन्युर्नाम?

Hindi Translation:

अभिमन्यु – अरे यह कौन है? जिसके भुजाओं द्वारा नियंत्रित (मैं) और (उसके पास) अधिक शक्ति होते हुए भी) मैं कष्ट में नहीं हूँ।
बृहन्नला – इधर- इस तरफ राजकुमार।
अभिमन्यु – अरे! यह अन्य कौन है? ऐसा लगता है जैसे शिव ने स्त्री के कपड़े पहने हों।
बृहन्नला – आर्य, मेरी (इनसे) वार्तालाप करने की बहुत ईक्षा है। इसे बोलने के लिए तैयार कीजिये।
वल्लभ – (थोड़ा दूर से) ठीक है। (सामने से) हे अभिमन्यु!
अभिमन्युः – क्या अभिमन्यु 😡?

English Translation:

Abhimanyu – Hey, who are you? By whose arms I am controlled and in spite of having more power in his hands, I am not in peril.
Brihanla – Here- this side prince.
Abhimanyu – Oh! Who is this the other man? It is as if Shiva is wearing female clothes.
Brihannala – Arya, I look forward to talking to him very much. Get him ready to talk.
Vallabh – (from afar) Okay. (from the front) Oh Abhimanyu!
Abhimanyu: – What Abhimanyu?

वल्लभः – रुष्यत्येष मया, त्वमेवैनमभिभाषय।
बृहन्नला – अभिमन्यो!
अभिमन्युः – कथं कथम्। अभिमन्युर्नामाहं। भोः! किमत्र विराटनगरे क्षत्रियवंशोद्भूता:
नीचै: अपि नामभिः अभिभाष्यन्ते अथवा अहं शत्रुवशं गतः। अत एव तिरस्क्रियते।
बृहन्नला – अभिमन्यो! सुखमास्ते ते जननी?

Hindi Translation:

वल्लभ – मेरे द्वारा यह गुस्सा हो रहा है, तुम ही इससे बात करो।
बृहन्नला – अभिमन्यु!
अभिमन्यु – कैसे-कैसे😠। मुझको अभिमन्यु नाम से पुकारा जा रहा है। अरे! क्या यहाँ विराटनगर में क्षत्रिय वीरों को निचले सैनिक भी नाम के द्वारा पुकारते हैं? 😠 या मैं
शत्रु के वश (बंदी) हूँ। इसलिए ही तिरस्कृत किया जा रहा हूँ।
बृहन्नला – अभिमन्यु! तुम्हारी माँ ठीक है?
😟

English Translation:

Vallabh – He is getting angry with me, you can only talk to him.
Brihannala – Abhimanyu!
Abhimanyu – How? I am being called by the name ‘Abhimanyu’. Hey! Do the inferior warriors in Viratnagar also address the Kshatriya heroes by name? Or I am in the hands of the enemy. That is why I am being despised.
Brihannala – Abhimanyu! is your mother okay?

अभिमन्युः – कथं कथम्? जननी नाम? किं भवान् मे पिता अथवा पितृव्य:? कथं मां पितृवदाक्रम्य स्त्रीगतां कथां पृच्छति?
बृहन्नला – अभिमन्यो! अपि कुशली देवकीपुत्रः केशव:?
अभिमन्युः – कथं कथम्? तत्र भवन्तमपि नाम्ना। अथ- किम् अथ किम् ?
(बृहन्नलावल्लभौ परस्परमवलोकयतः)
अभिमन्युः – कथमिदानीं सावज्ञमिव मां हस्यते?
बृहन्नला – न खलु किञ्चित्।

Hindi Translation:

अभिमन्यु – कैसे कैसे? माँ का नाम?😠 क्या आप मेरे पिता हैं या चाचा? कैसे (आप) मुझसे पिता के समान आकर स्त्री के बारे में बातें पूछ रहे हैं?
बृहन्नला – अभिमन्यु! क्या देवकीपुत्र कृष्ण कुशल हैं?
अभिमन्युः – कैसे कैसे? वहाँ आपको (कृष्ण) भी नाम से पुकार रहे हैं।🤮 यह क्यों? यह क्यों?
(बृहन्नला और वल्लभ एक दूसरे को देखते हुए)😊
अभिमन्युः – कैसे अब अभद्रतापूर्वक मुझ पर हँस रहे हो ?
बृहन्नला – ऐसा बिलकुल भी नहीं है।

English Translation:

Abhimanyu – How? Mother’s name? Are you my father or uncle? How are you coming near to me like a father and asking things about that woman?
Brihannala – Abhimanyu! Is Devakiputra Krishna okay?
Abhimanyu– How there? “Krishna!” is also called by you by his name. Why this?
(Brihanla and Vallabh looking at each other)
Abhimanyu– How are you laughing indecently at me now?
Brihannala – It is not like that at all.

पार्थं पितरमुद्दिश्य मातुलं च जनार्दनम्।
तरुणस्य कृतास्त्रस्य युक्तो युद्धपराजयः॥

अन्वय: पितरं पार्थं मातुलं जनार्दनम् च उद्दिश्य कृतास्त्रस्य तरुणस्य युद्धपराजयः युक्त:।

Hindi Translation: पिता अर्जुन को तथा मामा कृष्ण को लक्ष्य साधकर अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग किये हुए युवक की युद्ध में हार निश्चित है।

English Translation: The young man will undoubtedly lose the battle when he uses the weapon to attack his father Arjuna and his maternal uncle Krishna.

अभिमन्युः – अलं स्वच्छन्दप्रलापेन! अस्माकं कुले आत्मस्तवं कर्तुमनुचितम्। रणभूमौ हतेषु शरान् पश्य, मदूते अन्यत् नाम न भविष्यति।
बृहन्नला – एवं वाक्यशौण्डीर्यम्। किमर्थं तेन पदातिना गृहीत: ?
अभिमन्युः – अशस्त्रं मामभिगत:। पितरम् अर्जुनं स्मरन् अहं कथं हन्याम्। अशस्त्रेषु मादृशाः न प्रहरन्ति। अतः अशस्त्रोऽयं मां वज्चयित्वा गृहीतवान्।

Hindi Translation:

अभिमन्युः – स्वतंत्रता से कुछ भी मत बोलो! हमारे कुल में खुद से खुद की बड़ाई करना उचित नहीं है। रणभूमि में पड़े हुए बाणों को देखो, मेरे अलावा अन्य (दूसरा) नाम नहीं होगा।
बृहन्नला – इस प्रकार भाषण की वीरता प्रदर्शित हो रही है। (फिर) क्यों उस पैदल (सैनिक) के द्वारा पकड़े गए?
अभिमन्यु – (वह) शस्त्र हीन मेरे पास आया था। पिता अर्जुन को याद करके मैं कैसे (उसे) मारता। अशस्त्र (आदमी) पर मेरे जैसा (पुरुष) प्रहार नहीं करता। अतः यह अशस्त्र (व्यक्ति) ने मुझको छल से पकड़ लिया है।

English Translation:

Abhimanyu- Don’t speak freely! It is not proper to brag about ourselves in our clan. Look at the arrows lying on the battlefield, there will be no other name than me.
Brihanla – Thus the valor of speech is being displayed. Then why were you caught by that infantryman?
Abhimanyu – He came to me without weapons. Remembering father Arjun, how could I kill him? A man like me does not attack an unarmed man. So this unarmed man has caught me by deceit.

राजा – त्वर्यतां त्वर्यतामभिमन्युः।
बृहन्नला – इत इत: कुमारः। एष महाराज: उपसर्पतु कुमार:।
अभिमन्युः – आ:। कस्य महाराज:?
राजा – एह्येहि पुत्र! कथं न मामभिवादयसि ? (आत्मगतम्) अहो! उत्सिक्त: खल्वयं
क्षत्रियकुमारः। अहमस्य दर्पप्रश्नमनं करोमि । (प्रकाशम्) अथ केनायं गृहीत: ?

Hindi Translation:

राजा – शीघ्रता करो अभिमन्यु। शीघ्रता करो।
बृहन्नला – इस तरफ, इधर से राजकुमार। यह महाराज हैं, (उनके) पास जाइए कुमार।
अभिमन्यु – ओह। किसके महाराज?
राजा – आओ – आओ पुत्र! मेरा सम्मान क्यों नहीं कर रहे हो? (मन में ) आश्चर्य है! निश्चित रूप से (यह) क्षत्रिय कुमार घंमडी है। मैं इसके गुमान (अभिमान) को दूर करता हूँ । (सामने से) यह किसके द्वारा पकड़ा गया है?

English Translation:

King – Hurry up Abhimanyu. Hurry up.
Brihannala – From this side, from here, prince. This is Maharaj, go to him boy.
Abhimanyu – Oh. Whose Maharaj?
King – Come – come son! Why are you not respecting me? (he thought) Surprises! Surely this ‘Kshatriya Kumar’ is arrogant. I’ll take away his arrogance. (From the front) By whom is he caught?

भीमसेनः – महाराज! मया।
अभिमन्युः – अशस्त्रेणेत्यभिधीयताम्।
भीमसेनः – शान्तं पापम्। धनुस्तु दुर्बले: एव गृह्यते। मम तु भुजौ एव प्रहरणम्।
अभिमन्युः – मा तावद् भोः ! किं भवान् मध्यम: तात: यः तस्य सदृशं वचः वदति।
भगवान् – पुत्र! कोऽयं मध्यमो नाम?

Hindi Translation:

भीमसेनमहाराज! मेरे द्वारा।
अभिमन्युअशस्त्र के द्वारा, ऐसा बोलो।
भीमसेन चुप (रहो) पापी। धनुष तो दुर्बल के द्वारा ही गृहण किया जाता है। मेरी तो भुजाएँ ही शस्त्र हैं।
अभिमन्युआप तो नहीं! क्या आप मेरे मध्यम पिता हैं जो उनके तरह वचन बोलते हैं।
भगवान्पुत्र! कौन (है) यह मध्यम नाम वाला?

English Translation:

Bhimsen – Maharaj! by me.
Abhimanyu – Without any weapon, say so.
Bhimsen – Shut up, sinner. Only the weak take up the bow. My arms are my weapons.
Abhimanyu – You are not! Are you my middle father who speaks words like him.
God – This middle name belongs to who?

अभिमन्युः – योक्त्रयित्वा जरासन्धं कण्ठश्लिष्टेन बाहुना।
असह्यं कर्म तत् कृत्वा नीत: कृष्णौऽतदर्हताम् ।

अन्वय: बाहुना कण्ठश्लिष्टेन जरासन्धं योक्त्रयित्वा तत् असह्यं कर्म तत् कृत्वा कृष्णौऽतदर्हताम् नीत:

Hindi Translation: बाजुओं के द्वारा गले से जरासन्ध को बाँधकर वह असहनीय कर्म करके कृष्ण से उनकी पात्रता ले लिया।

English Translation: By tying ‘Jarasandha’ around his neck by his arms, he performed unbearable deeds and took benignity from Krishna.

राजा – न ते क्षेपेण रुष्यामि, रुष्यता भवता रमे।
किमुक्त्वा नापराद्धोऽहं, कथं तिष्ठति यात्विति ।।

अन्वय: भवता रुष्यता रमे ते क्षेपेण रुष्यामि (भवान्) कथं तिष्ठति यात्विति, किं उक्त्वा न अपराद्धोऽहं

Hindi Translation: तुम्हारे द्वारा क्रोधित किये जाने पर (भी) मैं क्रोधित नहीं होता हूँ। आप खड़े क्यों हैं? जाओ। क्या (ऐसा) कहकर मैं अपराध मुक्त रहूँगा?

English Translation: Even when you are angry, I don’t get angry. Why are you standing? Go. Will I be guilt free by saying this?

अभिमन्युः – यद्यहमनुग्राह्यः –
पादयो: समुदाचारः क्रियतां निग्रहोचित:।
बाहुभ्यामाहृतं भीमः बाहुभ्यामेव नेष्यति।

अन्वय: पादयो: निग्रहोचित: समुदाचारः क्रियतां। बाहुभ्याम् आहृतं भीमः बाहुभ्यामेव नेष्यति।

Hindi Translation: (मेरे) पैरों में बंदियों के समान आचरण किया जाए। भुजाएँ के द्वारा पकड़े हुए (मुझे) भीम भुजाओं से ही ले जाया जाएगा।

English Translation: Be treated like a prisoner on my feet. Bhima, holding me by the arms, will be carried by the arms.


(ततः प्रविशत्युत्तर:)

उत्तरः – तात! अभिवादये!
राजा – आयुष्मान् भव पुत्र पूजिता: कृतकर्माणो योधपुरुषाः।
उत्तरः – पूज्यतमस्य क्रियतां पूजा।
राजा – पुत्र! कस्मै?
उत्तरः – इहात्रभवते धनञ्जयाय।
राजा – कथं धनञ्जयायेति?
उत्तर: – अथ किम्

शब्दार्थ: प्रविशत्युत्तर: = प्रविशति + उत्तर:

Hindi Translation:

तब उत्तर प्रवेश करता है।
उत्तर – तात! अभिनन्दन करता हूँ!
राजा – आयुष्मान हो पुत्र। कर्म करने वाले योद्ध पुरुष पूजे जाते हैं।
उत्तर – इस पूजनीय की पूजा की जाए।
राजा – पुत्र! किसलिए?
उत्तर – इस पूजित धनञ्जय के लिए।
राजा – कैसे धनञ्जय के लिए?
उत्तर – और क्या?

English Translation:

Then Yuvraj “Uttar” enters.
Uttar – tat! Greetings!
King – May you live long, son. The hard working warriors are worshipped.
Uttar – This venerable should be worshipped.
King – son! For whom?
Uttar – For this worshiped Dhananjay.
King – How to Dhananjay?
Uttar – What else?


श्मशानाद्धनुरादाय तूणीराक्षयसायके।
नृपा भीष्मादयो भग्ना वयं च परिरक्षिताः।

शब्दार्थ: तूणीर – (Understand the meaning by this sentence) श्री रामचन्द्र के छोड़े हुये बाण अपना काम करके उनके तूणीर में वापस आ जाते थे।

अन्वय: श्मशानात् धनु: आदाय तूणीराक्षयसायके, नृपा भीष्मादयो भग्ना वयं च परिरक्षिताः।

Hindi Translation: श्मशान से तूणीर अभेद्य बाणों वाला धनुष लेकर राजा भीष्म आदि घायल किये गए और हमलोग बचाये गए।

English Translation: Taking a bow with impenetrable arrows from the crematorium, King Bhishma etc. were injured and we were saved.

राजा – एवमेतत्।
उत्तरः – व्यपनयतु भवाञ्छङ्काम्। अयमेव अस्ति धनुर्धर: धनञ्जयः।।
बृहन्नला – यद्यहं अर्जुन: तर्हि अयं भीमसेन: अयं च राजा युधिष्ठर: ।
अभिमन्युः – इहात्रभवन्तो मे पितरः। तेन खलु …

Hindi Translation:

राजा – ऐसा है।
उत्तरः – आप संदेह दूर करें। यह ही धनुर्धर धनञ्जय हैं।
बृहन्नला – यदि मैं अर्जुन (हूँ) तो यह भीमसेन और यह राजा युधिष्ठर हैं।
अभिमन्यु – यहाँ मेरे पूजनीय पितृजन। उससे निश्चित रूप से…

English Translation:

King – It is so.
Uttar:- You clear your doubts. This archer is Dhananjaya.
Brihanla – If I am Arjuna, then this is Bhimasena and this is King Yudhishthira.
Abhimanyu – Here is my revered fathers. Its definitely…

न रुष्यन्ति मया क्षिप्ता हसन्तश्च क्षिपन्ति माम्।
दिष्ट्या गोग्रहणं स्वन्तं पितरो येन दर्शिता:॥

अन्वय: मया क्षिप्ता न रुष्यन्ति हसन्तश्च माम् क्षिपन्ति दिष्ट्या गोग्रहणं स्वन्तं पितरो येन दर्शिता:॥

Hindi Translation:

मेरे द्वारा कटाक्ष किये जाने पर भी क्रोधित नहीं होते हैं और हसते हुए मुझे टाल देते हैं। संयोग से गौ का अपहरण सुखान्त है, जिसके द्वारा पितृजन दिखाए गए।

English Translation: Even when I criticise him, he doesn’t become offended and smiles at me. Incidentally, the kidnapping of the cow is a happy one, by which the patriarchs are shown.

(इति क्रमेण सर्वान् प्रणमति, सर्वे च तम् आलिङ्गन्ति)

Hindi Translation:

इस तरह क्रम से सभी को प्रणाम करता है और सभी उसको छाती से लगाते हैं।

English Translation: In this way, he salutes everyone and everyone hugs him.

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18 thoughts on “Sanskrit Class 9- Chapter 7 – प्रत्यभिग्यानम्-Hindi & English Translation”

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