Home » Class 10 » Sanskrit Grammar Class 10- कर्मवाच्य और भाववाच्य के लिए कुछ प्रमुख धातु-रूप

Sanskrit Grammar Class 10- कर्मवाच्य और भाववाच्य के लिए कुछ प्रमुख धातु-रूप

धातु

क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं। धातु तीन प्रकार के होते हैं- परस्मैपदी, आत्मनेपदी और उभयपदीपरस्मैपदी, आत्मनेपदी और उभयपदी – हमने इन तीनों के बारे में कक्षा 8 में ही विस्तारपूर्वक पढ़ लिया है ये मैंने आपकी जानकारी के लिए बताया है

धातु (क्रिया) के भेद (कर्म की दृष्टि से)

कर्म की दृष्टि से क्रिया के निम्नलिखित दो भेद होते हैं –

अकर्मक क्रिया

  • अकर्मक क्रिया – ‘अकर्मक’ मतलब कर्म उपस्थित नहीं है। जब भी किसी वाक्य में कर्ता हो और क्रिया भी हो लेकिन कर्म ना हो तो उस जगह पर अकर्मक क्रिया प्रयोग में आती है। जैसे –हँसना, रोना, मरना, जीना, चलना, दौड़ना, होना, खेलना, बैठना, मरना, घटना, जागना, उछलना, कूदना, तैरना, आदि।

सकर्मक क्रिया

  • सकर्मक क्रिया – जब किसी वाक्य में कर्ता, क्रिया और कर्म तीनों उपस्थित हों, तो वहां सकर्मक क्रिया होती है। पढ़ना, लाना, सुनना, पीना, प्राप्त करना, देना इत्यादि

कर्मवाच्य में कर्मक क्रिया प्रयोग होते हैं कर्मवाच्य के लिए धातु के साथ ‘य’ तथा आत्मनेपद के प्रत्यय लगाते हैं मतलब ‘य’ जोड़कर आत्मनेपदी का धातु -रूप जैसे चला दो। Don’t take tension, we will see examples.

भाववाच्य में अकर्मक क्रिया प्रयोग होते हैं तथा उनमें भी धातु के साथ ‘य’ तथा आत्मनेपद के प्रत्यय लगाते हैं। मतलब ‘य’ जोड़कर आत्मनेपदी का धातु -रूप जैसे चला दो। Don’t take tension, we will see examples too.

जानकारी के लिए बताते चलूँ, कर्तृवाच्य में सकर्मक तथा अकर्मक दोनों क्रियाएँ उपयोग हो सकती हैं।

धातुओं के मुख्यत: रूप चलते हैं – पाँच लकार और तीन वचन में। 

1. लट् लकार (वर्तमान काल/ Present Tense)

2. लृट् लकार (भविष्य काल/Future Tense)

3. लङ् लकार (भूत काल/Past Tense)

4. लोट् लकार (अनुज्ञा/आदेश) (permission/order)

5. विधिलिङ्लकारः (विधिः/सम्भावना) Method/ possibility

Note: In your syllabus, you only have to learn only लट्लकारः (वर्तमानकालः) for वाच्यपरिवर्तन

Live online tuition for CBSE board (Sanskrit tuition):

Live online tuition for CBSE board (Sanskrit tuition): On “Google Meet” or “Zoom” is running.

Charges: Only ₹500/ month where you can ask your question face to face directly live. Each batch will have at max 100 students. Our main focus is to get full/full marks in your exam, in this way we will study there.

TUITION DURATION: – 1 hour: Monday to Saturday. Sunday- Off.

TIMING: – Before & After your school timing. We will discuss further on this topic.

FREE DEMO CLASS: 3

Seats are limited because of zoom classes. So, book your seat right now for free. Pay fee after demo classes directly on my upi id: maketoss@ybl

Our WhatsApp Contact: Please Don’t call. Do only WhatsApp Message: 9117748369

Free Registration link: Click here

कर्मवाच्य के अनुसार कुछ प्रमुख धातु-रूप (सकर्मक क्रिया)
👇👇👇

ये सभी धातु-रूप, धातु के साथ य तथा आत्मनेपद के प्रत्यय मिलने से बनते हैं – मतलब धातु में ‘य’ जोड़कर आत्मनेपदी का धातु -रूप जैसे चला दो। इसी पेज के सबसे अंतिम में हम कुछ और नियम भी पढ़ेंगे जिसकी मदद से कर्मवाच्य या भाववाच्य में धातु-रूप बनते हैं

पठ् (पढ़ना)

लट्लकारः (वर्तमानकालः)

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः पठ्यते  पठ्येते पठ्यन्ते
मध्यमपुरुषः पठ्यसे पठ्येथे पठ्यध्वे
उत्तमपुरुषःपठ्ये पठ्यावहे पठ्यामहे

नी (ले जाना)

लट्लकारः (वर्तमानकालः)

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
प्रथमपुरुषःनीयते नीयेते नीयन्ते
मध्यमपुरुषःनीयसेनीयेथे नीयध्वे
उत्तमपुरुषःनीये नीयावहे नीयामहे

श्रु (सुनना)

लट्लकारः (वर्तमानकालः)

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः श्रूयते  श्रूयेते श्रूयन्ते
मध्यमपुरुषःश्रूयसेश्रूयेथेश्रूयध्वे
उत्तमपुरुषःश्रूयेश्रूयावहे श्रूयामहे

पा (पीना)

लट्लकारः (वर्तमानकालः)

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः  पीयते पीयेतेपीयन्ते
मध्यमपुरुषःपीयसेपीयेथे पीयध्वे
उत्तमपुरुषःपीयेपीयावहेपीयामहे

लभ् (प्राप्त करना)

लट्लकारः (वर्तमानकालः)

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
प्रथमपुरुषःलभ्यतेलभ्येते लभ्यन्ते
मध्यमपुरुषः लभ्यसे लभ्येथेलभ्यध्वे
उत्तमपुरुषःलभ्येलभ्यावहेलभ्यामहे

दा (देना)

लट्लकारः (वर्तमानकालः)

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
प्रथमपुरुषःदीयतेदीयेतेदीयन्ते
मध्यमपुरुषः दीयसेदीयेथेदीयध्वे
उत्तमपुरुषःदीयेदीयावहेदीयामहे

कृ (करना)

लट्लकारः (वर्तमानकालः)

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
प्रथमपुरुषःक्रियते क्रियेतेक्रियन्ते
मध्यमपुरुषःक्रियसेक्रियेथेक्रियध्वे
उत्तमपुरुषःक्रियेक्रियावहेक्रियामहे

भाववाच्य के अनुसार कुछ प्रमुख धातु-रूप (अकर्मक क्रिया)👇👇👇


अस् (होना) / भू (होना)

लट्लकारः (वर्तमानकालः)

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः भूयते  भूयेते भूयन्ते
मध्यमपुरुषःभूयसेभूयेथे भूयध्वे
उत्तमपुरुषःभूयेभूयावहे भूयामहे


हस् (हसना)

लट्लकारः (वर्तमानकालः)

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः हस्यते हस्येते  हस्यन्ते
मध्यमपुरुषःहस्यसेहस्येथे हस्यध्वे
उत्तमपुरुषःहस्ये  हस्यावहे हस्यामहे


जीव् (जीना)

लट्लकारः (वर्तमानकालः)

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
प्रथमपुरुषःजीव्यते जीव्येतेजीव्यन्ते
मध्यमपुरुषःजीव्यसे जीव्येथेजीव्यध्वे
उत्तमपुरुषःजीव्येजीव्यावहे जीव्यामहे


क्रीड् (खेलना)

लट्लकारः (वर्तमानकालः)

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः क्रीड्यते क्रीड्येते क्रीड्यन्ते
मध्यमपुरुषः क्रीड्यसे क्रीड्येथे क्रीड्यध्वे
उत्तमपुरुषःक्रीड्ये क्रीड्यावहे क्रीड्यामहे

आस् (बैठना)

लट्लकारः (वर्तमानकालः)

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
प्रथमपुरुषःआस्यते आस्येतेआस्यन्ते
मध्यमपुरुषः आस्यसे आस्येथे आस्यध्वे
उत्तमपुरुषःआस्ये आस्यावहे आस्यामहे


स्था [तिष्ठ] (ठहरना)

लट्लकारः (वर्तमानकालः)

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
प्रथमपुरुषःस्थीयते स्थीयेते स्थीयन्ते
मध्यमपुरुषः स्थीयसे स्थीयेथे स्थीयध्वे
उत्तमपुरुषःस्थीयेस्थीयावहे स्थीयामहे

कर्मवाच्य या भाववाच्य में धातु-रूप बनाने के नियम –

1. जिन धातुओं के अंत में दीर्घ ‘आ’ होता है, जैसे – दा, धा, पा, स्था, आदि धातुओं के अंतिम स्वर के स्थान पर दीर्घ ई हो जाता है। जैसे – दीयते, धीयते, पीयते, स्थीयते, इत्यादि।

2. ऋकारान्त धातुओं (मृ, कृ, भृ, धृ, वृ, इत्यादि) के अंतिम ऋकार को ‘य’ परे होने पर ‘रि’ हो जाता है। जैसे – म्रियते, क्रियते, भ्रियते, ध्रियते, वियते, इत्यादि।

3. जिन धातुओं के अंत में ‘इ’ तथा ‘उ’ होते हैं, ‘य’ परे होने पर उनके स्थान पर दीर्घ ई तथा ऊ हो जाता है। जैसे -जि से जीयते, स्तु से स्तूयते, श्रु से श्रूयते, इत्यादि।

4. र् को ऋ; जैसे – प्रच्छ् – पृच्छ्यते, ग्रह – गृह्यते; आदि धातु रूप बनते हैं।

5. व को उ सम्प्रसारण: जैसे – वद् – उद्यते, वच् – उच्यते, वस् – उष्यते, स्वप् – सुप्यते; आदि।

Live online tuition for CBSE board (Sanskrit tuition):

Live online tuition for CBSE board (Sanskrit tuition): On “Google Meet” or “Zoom” is running.

Charges: Only ₹500/ month where you can ask your question face to face directly live. Each batch will have at max 100 students. Our main focus is to get full/full marks in your exam, in this way we will study there.

TUITION DURATION: – 1 hour: Monday to Saturday. Sunday- Off.

TIMING: – Before & After your school timing. We will discuss further on this topic.

FREE DEMO CLASS: 3

Seats are limited because of zoom classes. So, book your seat right now for free. Pay fee after demo classes directly on my upi id: maketoss@ybl

Our WhatsApp Contact: Please Don’t call. Do only WhatsApp Message: 9117748369

Free Registration link: Click here

2 thoughts on “Sanskrit Grammar Class 10- कर्मवाच्य और भाववाच्य के लिए कुछ प्रमुख धातु-रूप”

  1. SUPER YOU ARE GOING…………… I REALLY APRECIATE YOUR WORK..
    I WANNA CONTRIBUTE SOME AMOUNT, IT WILL MOTIVATE YOU…
    PLEASE SEND ME YOUR INFORMATION….

    Reply
  2. कृपया इन वाच्यों के बदलाव के कुछ उदाहरण दें।
    धन्यवाद 🙏

    Reply

Leave a Comment

error: