CBSE Ruchira Bhag 3 – Class 8 Sanskrit Chapter 15- प्रहेलिकाः – translation in Hindi (Hindi Anuvad), हिंदी अनुवाद, Hindi meaning, Hindi arth, Hindi summary, English Translation, and English Summary are provided here. That Means, word meanings (शब्दार्थ:), अन्वयः, सरलार्थ, are given for the perfect explanation of Ruchira भाग 1 –Sanskrit Class 8 Chapter 15- प्रहेलिकाः |
पञ्चदश: पाठः
प्रहेलिकाः
Translation in Hindi & English (Meaning/Arth/Anuvad)
कस्तूरी जायते कस्मात्?
को हन्ति करिणां कुलम्?
किं कुर्यात् कातरो युद्धे?
मृगात् सिंहः पलायते॥1॥
अन्वयः कस्तूरी कस्मात् जायते? मृगात्। करिणां कुलम् को हन्ति? सिंहः। कातर: युद्धे किं कुर्यात्? पलायते।
Note: अंतिम वाक्य के तीन शब्दों में क्रमश: तीनों प्रश्नों का उत्तर है। “मृगात् सिंहः पलायते”।
शब्दार्थ + संधि विच्छेद- कस्तूरी- कस्तूरी (musk)। मृगात् – हिरण से। करिणां – हाथियों के। हन्ति – मारता है। कातर: – कायर।
सरलार्थ/Hindi Translation- कस्तूरी किससे उत्त्पन्न होती है? हिरण से। हाथियों के परिवार को कौन मारता है? शेर। कायर युद्ध में क्या करता है? भाग जाता है।
English Translation– What does musk originate from? From deer. Who kills the clan of elephants? Lion. What does a coward do in the war? Runs away.
सीमन्तिनीषु का शान्ता?
राजा कोऽभूत् गुणोत्तमः?
विद्वद्भिः का सदा वन्द्या?
अत्रैवोक्तं न बुध्यते॥2॥
अन्वयः सीमन्तिनीषु का शान्ता? राजा कोऽभूत् गुणोत्तमः? विद्वद्भिः का सदा वन्द्या? अत्र एव उक्तं, बुध्यते न।
Note: इस श्लोक में उत्तर प्रत्येक पंक्ति के पहले अक्षर और अंतिम अक्षर का योग होगा। जैसे – सीमन्तिनीषु का शान्ता? सी + ता = सीता
शब्दार्थ + संधि विच्छेद- सीमन्तिनीषु – नारियों/स्त्रियों में। कोऽभूत् – कौन था। गुणोत्तमः – गुणों में उत्तम। विद्वद्भिः -विद्वानों के द्व्रारा। अत्रैवोक्तं – अत्र + एव + उक्तं । अत्र – यहाँ। एव – ही। उक्तं – बताया गया है।
सरलार्थ/Hindi Translation– नारियों में शान्त स्वाभाव वाली कौन है? सीता। गुणों में उत्तम राजा कौन था? राम। विद्वानों के द्व्रारा हमेशा किसकी पूजा की जाती है? विद्या। जवाब यहीं बताया गया है, (लेकिन) यह समझ में नहीं आता है।
English Translation– Who is the one with calm nature among the women? Sita. Who was the best king in qualities? Ram. Who is always worshiped by scholars? Knowledge. The answer is stated right here, but it doesn’t make sense. But this is not understood.
कं सञ्जघान कृष्णः?
का शीतलवाहिनी गङ्गा?
के दारपोषणरताः?
कं बलवन्तं न बाधते शीतम्॥3॥
अन्वयः कं सञ्जघान कृष्णः? कंसम्। का शीतलवाहिनी गङ्गा? काशी। के दारपोषणरताः? केदारपोषणरता:। कं बलवन्तं न बाधते शीतम्? कंबलवन्तं।
Note: इस श्लोक में उत्तर प्रत्येक पंक्ति के पहले, दूसरे या तीसरे अक्षर के योग होगा। जैसे – कं सञ्जघान कृष्णः? कं + सञ् = कंसम्।
शब्दार्थ + संधि विच्छेद- सञ्जघान – वध किया था। शीतलवाहिनी – शीतल/ठंडी धारा वाली। गङ्गा – गंगा नदी। बलवन्तं – बलवान को। कंबलवन्तं – वह व्यक्ति जिसके पास कंबल है। दारपोषणरता: – पत्नी का पोषण में लगा हुआ। केदारपोषणरता: – कृषि कार्य में लगा हुआ। शीतम् – ठंड।
सरलार्थ/Hindi Translation– कृष्ण ने किसका वध किया था? कंस। शीतल जलवाहिनी गंगा कहाँ है? काशी। पत्नी का पोषण कौन करता है? जो कृषि कार्य करते हैं। किस बलवान को ठंड परेशान नहीं करती है? वह व्यक्ति जिसके पास कंबल है।
English Translation– Whom did Krishna kill? Where is the cool channel Ganges? Who nourishes the wife? Which strongman is not bothered by cold?
वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः
त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः।
त्वग्वस्त्रधारी न च सिद्धयोगी
जलं च बिभ्रन्न घटो न मेघः॥4॥
अन्वयः वृक्षाग्रवासी च न पक्षिराजः। त्रिनेत्रधारी च न शूलपाणिः। त्वग्वस्त्रधारी च न सिद्धयोगी। जलं च बिभ्रन् न घटो न मेघः। उत्तरम् – नारिकेलम्
शब्दार्थ + संधि विच्छेद- वृक्षाग्रवासी -जो पेड़ के ऊपर रहता है। च – और। पक्षिराजः -पक्षियों का राजा (गरूड़)। त्रिनेत्रधारी – तीन आँखों वाला। शूलपाणिः – शिव। त्वग्वस्त्रधारी – छाल के वस्त्र धारण करने वाला। बिभ्रन्न – बिभ्रन् + न। बिभ्रन्न – धारण करता हुआ।
सरलार्थ/Hindi Translation– जो पेड़ के ऊपर रहता है और वह पक्षियों का राजा नहीं है; तीन आँखों वाला, और शिव नहीं है। जो छाल के वस्त्र धारण करता है और वह पूर्ण योगी नहीं है। पानी धारण करता है और (परन्तु) न घड़ा है और न ही बादल। उत्तर – नारियल।
English Translation– The one who lives on the top of the tree and is not the king of the birds; He has three eyes, and is not Shiva. One who wears the clothes of bark and he is not a complete yogi. holds water and (but) is neither a pitcher nor a cloud.
भोजनान्ते च किं पेयम्?
जयन्तः कस्य वै सुतः?
कथं विष्णुपदं प्रोक्तम्?
तक्रं शक्रस्य दुर्लभम् ॥5॥
अन्वयः भोजनान्ते च किं पेयम्? तक्रं। जयन्तः कस्य वै सुतः? शक्रस्य। विष्णुपदं कथं प्रोक्तम्? दुर्लभम्।
Note: पहली पहेली के तरह इसका जबाब मिलेगा। “अंतिम वाक्य के तीन शब्दों में क्रमश: तीनों प्रश्नों का उत्तर है।”
शब्दार्थ + संधि विच्छेद- भोजनान्ते – भोजन के अंत में। तक्रं – छाछ। सुतः- पुत्र। शक्रस्य -इंद्र का। विष्णुपदं – विष्णुपद/विष्णु को प्राप्त करना। (ये पूर्ण मोक्ष नहीं है)। पूर्ण मोक्ष सतलोक जाने करने पर होता है। जो अति दुर्लभ है। कथं – कैसा । प्रोक्तम् – बताया गया है ।
सरलार्थ/Hindi Translation– भोजन के अंत में और क्या पीना चाहिए? छाछ। जयंत किसका पुत्र है? इंद्र का। विष्णुपद/विष्णु को प्राप्त करना। को कैसा बताया गया है? दुर्लभ।
English Translation– What else to drink at the end of the meal? Buttermilk Whose son is Jayant? Indra’s How has ‘Vishnu Lok/zenith’ been described? Rare.
Note: स्वर्ग लोक – इन्द्र का लोक; स्वर्ग के राजा ‘इंद्र देव’ हैं। विष्णुलोक = विष्णु देव का लोक; यह स्वर्ग लोग से भी बढ़िया होता है। क्रमश:और भी बढ़िया लोक इस प्रकार है- स्वर्ग लोक < ब्रह्मा लोक < विष्णु लोक < शिव लोक < दुर्गा लोक < ब्रह्म/क्षर पुरुष लोक < अक्षर पुरुष लोक < परम अक्षर पुरुष लोक = सतलोक। स्वर्ग लोक और सतलोक में जमीन आसमान का अंतर है। सतलोक सबसे बढ़िया लोक होता है। सिर्फ सतलोक में ही अमरता है। बाकी सारे लोकों में जन्म-मरण है।
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Sanskrit Grammar Class 8
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Nice translation
Thanks maketoss
Thank you so much